

रायबरेली के अतुल तिवारी हत्याकांड मामले में मंगलवार को अधिवक्ताओं ने एसपी ऑफिस के सामने एकजुट होकर घटना के खिलाफ रोष जताया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
रायबरेली: जनपद के सरेनी थाना क्षेत्र में बहुचर्चित अतुल तिवारी हत्याकांड हर रोज नए नए मोड़ सामने आ रहे है। ग्रामीणों और किसानों के अब वकील भी घटना के विरोध में उतर गये हैं। बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने एसपी ऑफिस पर एकत्रित होकर घटना के खिलाफ विरोध दर्ज कराया इस दौरान अतुल तिवारी के परिजन भी मौजूद रहे।
अधिवक्ताओं ने अतुल तिवारी हत्याकांड में एक आरोपी की गिरफ्तारी ना होने पर रोष जताया साथ ही पुलिस अधीक्षक से निष्पक्ष जांच की मांग की। वकीलों ने इस दौरन मामले में जातिय राजनीति ना करने की बात भी कही।
आरोपी करन प्रजापति के पिता धुनारी उर्फ राजेश प्रजापति द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर लेने के बाद पूरे क्षेत्र में तनाव का माहौल बन गया है। घटना की सूचना फैलते ही स्थानीय जनता में आक्रोश फैल गया और राजनीतिक हलकों में भी हलचल तेज हो गई।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार अधिवक्ता विकास त्रिपाठी का कहना था हत्याकांड के बाद जिस तरह सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की जा रही है वो पूरी तरह गलत है, साथ ही मामले में फरार आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ने की मांग की। अधिवक्ता ने बताया की वकीलों को पूरे मामले को लेकर एसपी ने किसी के खिलाफ अवैधानिक कार्रवाई न करने का आश्वासन दिया हैं।
आपको बता दे इससे पहले रविवार को किसान नेता रमेश सिंह अपने समर्थकों के साथ सरेनी पहुंचे और थाने के बाहर स्थित शहीद स्मारक में धरना प्रदर्शन कर प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरने के दौरान रमेश सिंह ने कहा कि करन प्रजापति का परिवार लंबे समय से मानसिक और सामाजिक उत्पीड़न झेल रहा था। उन्होंने आरोप लगाया कि अतुल तिवारी के परिजन करन के परिवार पर अनैतिक दबाव बना रहे थे और पैसों की मांग कर रहे थे, जिससे तंग आकर राजेश प्रजापति ने आत्महत्या जैसा कठोर कदम उठाया।
मृतक प्रजापति के परिवार ने कहा कि उन्होंने आत्महत्या इस लिये की कि 6 अप्रेल के विवाद के बाद अतुल तिवारी के परिवार के लोग पैसे मांगने का दबाव बना रहे थे। जिसके कारण राजेश प्रजापति मानसिक रूप से परेशान रहा करते थे। राजेश प्रजापति ने 19 अप्रेल को घर मे फांसी लगा ली थी। करन प्रजापति हत्याकांड में मुख्य आरोपी हैं तब से करन का परिवार स्थानीय स्तर पर आरोपों और सामाजिक बहिष्कार का सामना कर रहा था। वहीं राजेश प्रजापति की मौत के बाद लोगों से सड़क मार्ग जाम करके न्याय की मांग भी की थी और किसान नेता रमेश सिंह अपने समर्थकों के साथ सरेनी थाना के बाहर शहीद स्मारक पर धरना दिए थे।