

रायबरेली एडीएम ने बाढ़ की चौकी का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। रायबरेली अपर जिलाधिकारी ने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन द्वारा संपूर्ण तैयारियां कर ली गई हैं।
एडीएम ने किया बाढ़ चौकी का निरीक्षण
Raebareli: रायबरेली एडीएम फाइनेंस ने बाढ़ की संभावनाओं के दृष्टिगत बाढ़ की चौकी का निरीक्षण कर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। रायबरेली अपर जिलाधिकारी (वि०/रा०) अमृता सिंह ने बाढ़ की संभावनाओं को देखते हुए पूरे गौतमन, तहसील डलमऊ में स्थापित बाढ़ की चौकी का निरीक्षण कर की गई व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि बाढ़ से निपटने के लिए जिला प्रशासन व तहसील प्रशासन द्वारा संपूर्ण तैयारियां कर ली गई हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार बाढ़ राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है, जहां प्रभावित लोगों को भोजन, आश्रय और अन्य आवश्यक आसुविधाएं प्रदान की जाएंगी। बाढ़ नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाए गए हैं, इसके साथ ही आपदा प्रबंधन टीमों को सक्रिय किया गया है, जो बाढ़ की स्थिति में त्वरित प्रतिक्रिया देंगी। इस अवसर पर उपजिलाधिकारी डलमऊ अहमद फरीद खान, खण्ड विकास अधिकारी, पशु चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी इंचार्ज, क्षेत्रीय लेखपाल, आंगनबाड़ी सहायिका आदि उपस्थित रहे।
आपको बता दें कि लगातार हो रही मूसलधार बारिश की वजह से उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बाढ़ के हालात हैं। नदियों और नाले के ऊफान पर होने से कई जगहों पर जनजीवन प्रभावित हुआ है। नदी के किनारे बसे गांव में खतरा लगातार बढ़ रहा है. वहीं चंदौली में सीएम योगी ने हेलिकॉप्टर से हालात का जायजा लिया।
प्रयागराज में बीते 24 घंटे से लगातार गिर रही बारिश के कारण गंगा, यमुना और टोंस नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है. नदियों का यह रौद्र रूप अब सीधे जनजीवन को प्रभावित कर रहा है। शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा सिर पर मंडरा रहा है। एक ओर जहां नदियों के किनारे बसे गांवों में पानी तेजी से फैल रहा है, वहीं शहरी क्षेत्रों में घाटों और निचली बस्तियों तक पानी पहुंचने की संभावना बनी हुई है।
बाढ़ नियंत्रण विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार यमुना नदी नैनी में 81.00 मीटर पर बह रही है, जो खतरे के निशान से 57 सेंटीमीटर नीचे है. गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 81.54 मीटर (31 सेमी नीचे), छतनाग में 80.46 मीटर (45 सेमी नीचे) और बक्सी STP पर 80.95 मीटर (53 सेमी नीचे) दर्ज किया गया है। इन सभी स्थानों पर जलस्तर चेतावनी सीमा 79.50 मीटर से ऊपर जा चुका है, जो आने वाले खतरे का संकेत है।