

नोएडा प्राधिकरण ने शहर में स्थित 250 फॉर्म हाउसों को नोटिस जारी करने का फैसला लिया है। उसके बाद इन फॉर्म हाउसों को तोड़ा जाएगा। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की यह रिपोर्ट
Farm House in Noida
नोएडा: यमुना और हिंडन नदियों के डूब क्षेत्र में अवैध रूप से बने फॉर्म हाउसों पर शिकंजा कसने की तैयारी जोरों पर है। नोएडा प्राधिकरण अब इन फॉर्म हाउसों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के मुताबिक, इसके तहत पहले चरण में लगभग 250 फॉर्म हाउसों को नोटिस जारी किए जाएंगे। प्राधिकरण ने स्पष्ट किया है कि डूब क्षेत्र में केवल खेती के लिए भूमि की खरीद-फरोख्त वैध है, लेकिन वहां फॉर्म हाउस बनाना और पक्के निर्माण पूरी तरह अवैध हैं।
एरियल मैपिंग से चलेगा पता
नोएडा प्राधिकरण के अफसरों का कहना है कि यमुना और हिंडन के डूब क्षेत्रों में हो रहे अवैध निर्माण का एरियल सर्वे और मैपिंग का काम शुरू कर दिया गया है। सीईओ लोकेश एम ने जानकारी दी कि ड्रोन सर्वे के माध्यम से यह पता लगाया जा रहा है कि किस क्षेत्र में कितने फॉर्म हाउस बने हैं। उनका कमर्शियल उपयोग हो रहा है या नहीं। इस आधार पर संबंधित फॉर्म हाउस संचालकों को नोटिस जारी किए जाएंगे और आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि डूब क्षेत्र की करीब 5 हजार हेक्टेयर जमीन में कई जगहों पर नियमों को ताक पर रखकर निर्माण कार्य किया गया है।
इन इलाकों में फैला है डूब क्षेत्र
यमुना नदी नोएडा के सेक्टर-94, 124, 125, 127, 128, 131, 133, 134, 135 और 168 के अलावा सेक्टर-150 से होकर गुजरती है। वहीं हिंडन नदी छिजारसी से प्रवेश करती है। सेक्टर-63ए, बेहलोलपुर, शहदरा, सुथियाना, गढ़ी चौखंड़ी, सेक्टर-123, 118, 115, 143, 143ए, 148 और 150 होते हुए मोमनाथल के पास यमुना में मिल जाती है। इन सभी क्षेत्रों को डूब क्षेत्र माना जाता है, जहां निर्माण प्रतिबंधित है।
फॉर्म हाउसों पर पहले भी हुई कार्रवाई
नोएडा प्राधिकरण ने पिछले डेढ़ साल में 150 से अधिक अवैध फॉर्म हाउसों को ध्वस्त किया है। हालांकि, प्राधिकरण की इस कार्रवाई के खिलाफ कई फॉर्म हाउस संचालक हाईकोर्ट पहुंच गए थे। जिससे कुछ समय तक कार्रवाई बाधित रही। बाद में कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर प्राधिकरण ने दोबारा कार्रवाई की।
हिंडन में नया निर्माण नहीं
प्राधिकरण का कहना है कि हिंडन नदी क्षेत्र में फिलहाल पुराने स्ट्रक्चर को ध्वस्त करने की योजना नहीं है, लेकिन वहां किसी भी नए निर्माण की अनुमति नहीं दी जाएगी। यदि ऐसा पाया गया तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस अभियान के लिए एसडीएम के नेतृत्व में एक विशेष टीम का गठन किया गया है। साथ ही प्राधिकरण ने घोषणा की है कि डूब क्षेत्र में बड़े-बड़े सूचना बोर्ड लगाए जाएंगे, जिससे लोग जागरूक हो सकें कि वहां भूमि खरीदना और निर्माण करना अवैध है।