

इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अब्बास अंसारी की उस पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए देखा जाए तो 30 जुलाई की तारीख को पूरी तरह से निर्धारित कर दिया गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में जल्द होगी सुनवाई
Prayagraj News: इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मंगलवार को अब्बास अंसारी की उस पुनरीक्षण याचिका पर सुनवाई के लिए देखा जाए तो 30 जुलाई की तारीख को पूरी तरह से निर्धारित कर दिया गया है। वहीं इस दौरान जिसमें उन्होंने सांसद-विधायक अदालत के एक आदेश पर रोक लगाने को लेकर अनुरोध किया गया है। मंगलवार को जब यह मामला सुनवाई के लिए उच्च न्यायालय के समक्ष पहुंच गया है तो अपर महाधिवक्ता एम.सी. चुतुर्वेदी ने इस मामले की तैयारी को लेकर देखा जाए तो कुछ मोहलत मांगी जिस पर अदालत ने अगली तिथि 30 जुलाई तक तय कर दी गई है।
2,000 रुपये जुर्माना
जानकारी के मुताबिक, पूर्व विधायक एवं मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी ने मऊ के अपर सत्र न्यायाधीश (एमपी-एमएलए अदालत) के पांच जुलाई 2025 के फैसले को चुनौती देने का बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय का रुख कर लिया है। वहीं इस दौरान ही मऊ के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए) ने 2022 के घृणास्पद भाषण मामले को लेकर इस साल 31 मई को धारा 153-ए (विभिन्न समूहों के बीच वैमनस्यता फैलाने) और 189 (एक सरकारी कर्मचारी को चोट पहुंचाने की धमकी देना) के आरोपों में अंसारी को दो साल के कारावास की सजा सुनाई जा चुकी है और इसके बाद से 2,000 रुपये जुर्माना भी लगाया जा चुका है।
अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपील दाखिल
इस फैसले के खिलाफ बात की जाए तो अंसारी ने अपर सत्र न्यायाधीश के समक्ष अपील दाखिल कर दी गई थी और सजा पर रोक लगाने को लेकर आवेदन किया जा चुका है। हालांकि इस दौरान सत्र न्यायाधीश ने पांच जुलाई 2025 को अपील पूरी तरह से खारिज कर दिया गया है। वहीं अंसारी पर 2022 में मऊ जिले में एक चुनावी रैली के दौरान मंच साझा करने का आरोप लगाया जा चुका है जहां उनके भाई ने चुनाव परिणाम आने के बाद सरकारी अधिकारियों को कथित तौर पर सबक सिखाने को लेकर भी धमकी दी जा चुकी है।