

बरेली में हुई हिंसा के बाद समाजवादी पार्टी ने बड़ा फैसला लेते हुए 14 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बरेली भेजने का एलान किया है। यह टीम पीड़ितों से मिलकर उनकी समस्याओं को समझेगी और प्रशासन से समाधान की मांग करेगी। इससे यूपी की सियासत में हलचल तेज हो गई है।
अखिलेश यादव
Lucknow: उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर 2025 को जुमे की नमाज के बाद मुस्लिम समाज द्वारा शांतिपूर्वक ज्ञापन देने की कोशिश के दौरान हुए पुलिस लाठीचार्ज ने जिले को हिला दिया। घटना के बाद कई इलाकों में तनाव फैल गया, हालांकि प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में बताते हुए शांति का दावा किया है। लेकिन ज़मीन पर हालात पूरी तरह सामान्य नहीं कहे जा सकते।
समाजवादी पार्टी ने पुलिस और प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पार्टी के अनुसार 81 लोगों को जेल भेजा गया, 4 बारात घर सील किए गए, कई मकानों और दुकानों पर चली बुलडोजर की कार्रवाई और 3 लोगों पर कथित हाफ एनकाउंटर किया गया। इन घटनाओं को लेकर समाजवादी पार्टी ने सख्त ऐतराज जताया है और पीड़ित परिवारों की आवाज़ बनने का ऐलान किया है।
अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं, सांसदों और विधायकों की एक टीम को बरेली भेजने का निर्देश दिया है। यह प्रतिनिधिमंडल 4 अक्टूबर 2025 को बरेली पहुंचेगा और घटनास्थल का दौरा करेगा।
• माता प्रसाद पांडेय (नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा)
• हरेन्द्र मलिक (सांसद, मुजफ्फरनगर)
• इकरा हसन (सांसद, कैराना)
• जियाउर्रहमान बर्क (सांसद, संभल)
• मोहीबुल्लाह नदवी (सांसद, रामपुर)
• नीरज मौर्य (सांसद)
• अताउर्रहमान (विधायक, प्रदेश महासचिव)
• शहजिल इस्लाम अंसारी (विधायक)
• भगवत शरण गंगवार (पूर्व मंत्री)
• शुभलेश यादव (प्रदेश सचिव)
और अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी।
अखिलेश यादव ने खास अंदाज में टीम इंडिया को दी बधाई, कहा- एकता जीत की बुनियाद…
सपा नेताओं का दावा है कि वे पीड़ितों से मिलकर उनकी बातें सुनेंगे और जिलाधिकारी, डीआईजी, कमिश्नर आदि अधिकारियों से मुलाकात कर न्याय की मांग करेंगे। प्रतिनिधिमंडल एक रिपोर्ट तैयार कर प्रदेश कार्यालय में जमा करेगा, जिसे आगे की रणनीति में इस्तेमाल किया जाएगा।
बरेली में हुई हिंसा को लेकर सपा ने भाजपा सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए हैं। अखिलेश यादव पहले ही इस मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई को एकतरफा और "तानाशाही" करार दे चुके हैं। दूसरी ओर, बीजेपी की ओर से इस पर कोई ठोस बयान सामने नहीं आया है।
26 सितंबर को बरेली में मुस्लिम समुदाय के लोग अपनी समस्याओं को लेकर ज्ञापन देने जा रहे थे, तभी रास्ते में पुलिस और पीएसी ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इस दौरान कई लोग घायल हो गए। पुलिस ने दावा किया कि भीड़ उग्र हो रही थी, जबकि सपा इसे शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर बर्बर कार्रवाई बता रही है।