

सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने आज एक अहम प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने सरकार के महंगाई और आर्थिक नीति से जुड़े दावों की पोल खोलने की कोशिश की।
अखिलेश यादव
Lucknow: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस की शुरुआत कर दी है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार के महंगाई और आर्थिक नीति से जुड़े दावों की पोल खोलने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि शैम्पू और बॉडी लोशन सस्ता हुआ है।
सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में सरकार के महंगाई और आर्थिक नीति से जुड़े दावों की पोल खोलने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि सरकार कह रही है कि शैम्पू और बॉडी लोशन सस्ता हुआ है। लेकिन एक किसान, जो खेत में काम करता है, एक युवा, जिसे नौकरी नहीं मिल रही, वो क्या करेगा शैम्पू से?
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस, कहा- यूपी में सपा सरकार बनते ही किसानों को मिलेंगे कई फायदे#AkhileshYadav #samajwadiparty #uttarpradesh #BJP #BiharElections #farmers @yadavakhilesh @samajwadiparty pic.twitter.com/viOCB4ySwp
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) September 25, 2025
अखिलेश यादव ने सरकार की टैरिफ नीति पर भी गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि आयात शुल्क में छूट देकर सरकार ने घरेलू उद्योगों को नुकसान पहुंचाया है। जब टैरिफ गिरा, तो भारतीय उद्योग पिछड़ गए। लघु उद्योगों की रीढ़ टूट गई, और किसानों की उपज को बाजार में भाव नहीं मिला। सरकार आज तक इस मुद्दे पर चुप है।
अखिलेश यादव ने बेरोजगारी पर भी सरकार की खिंचाई की। उन्होंने कहा कि हर साल करोड़ों युवाओं को नौकरी देने का वादा झूठा निकला। आज डिग्रीधारी युवा ठेले लगाने को मजबूर हैं। सरकार को बताना चाहिए कि कितने युवाओं को पिछले 5 सालों में स्थायी सरकारी नौकरी मिली?
समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि विकास के नाम पर किसानों की ज़मीन छीनी जा रही है। उन्होंने कहा कि जो फैसले किसानों के हित में होने चाहिए, भाजपा सरकार उनके स्थान पर षड्यंत्र कर रही है। यह बयान आगामी चुनाव को लेकर राजनीतिक संघर्ष की धार को और तेज करेगा। अखिलेश ने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों के हितों की पूरी तरह अनदेखी की है और उनकी परेशानियों को गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि किसान आज भी अपनी ज़मीन और रोज़गार के लिए संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी आवाज़ दबा रही है।