

सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर
लखनऊ: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। भड़काऊ भाषण मामले में कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई थी, जिसके बाद उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है। जिस पर पार्टी अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का बड़ा बयान सामने आया है। राजभर ने कहा कि हम इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। विधायक होने के नाते हम अब्बास अंसारी के साथ खड़े हैं। पार्टी आगे की कार्रवाई की तैयारी कर रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, ओम प्रकाश राजभर ने अब्बास अंसारी की विधानसभा सदस्यता रद्द होने पर कहा कि "यह कोर्ट का फैसला है, हम इसे स्वीकार करते हैं। हमें हाई कोर्ट में जाकर उस फैसले को चुनौती देने का अधिकार है। यह तय है कि हमें हाई कोर्ट से न्याय मिलेगा। पार्टी अपने आप जाएगी, अगर अब्बास अंसारी जाते हैं तो भी पार्टी वहीं है। अगर हम जाते हैं तो भी पार्टी वहीं है। विधायक होने के नाते हम उनके साथ खड़े हैं। अभी एक महीने से हाई कोर्ट बंद है। बातचीत चल रही है, हम कार्रवाई के लिए कागजात तैयार कर रहे हैं।
अब्बास अंसारी के खिलाफ भड़काऊ भाषण का यह मामला साल 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान का है। यह चुनाव सुभासपा ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन करके लड़ा था। इस चुनाव के लिए प्रचार करते समय अब्बास अंसारी ने एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए विवादित बयान दिया था। जिसमें उन्होंने अखिलेश यादव का नाम लिए बिना कहा था कि हमने भैया से बात की है, सबका हिसाब होगा। जिसके बाद मामला कोर्ट में गया।
कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दोषी पाया। भड़काऊ भाषण में अब्बास अंसारी को आजीवन कारावास की सजा मामले में आरोपी अब्बास अंसारी को 2014 में गिरफ्तार किया गया था, जिसके चलते बाद में कोर्ट ने उन्हें दो साल कैद की सजा सुनाई थी। आपको बता दें कि बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी साल 2022 में पहली बार मऊ विधानसभा सीट से विधायक बने थे। उन्होंने सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से चुनाव लड़ा था। जो अब एनडीए की सहयोगी है। उनका विधायक पद रद्द होने के बाद अब मऊ सीट खाली हो गई है। इस सीट पर अगले छह महीने में उपचुनाव हो सकते हैं।