अब इंटरव्यू नहीं, परीक्षा से होगी यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड में भर्ती! जानें पूरी प्रक्रिया और मौके

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) अब अपनी भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव करने जा रहा है। सालों तक केवल इंटरव्यू के आधार पर नियुक्तियां करने वाले इस बोर्ड में अब लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी जाएगी। यह बदलाव सिर्फ भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से नहीं है, बल्कि यह एक व्यवस्थित और निष्पक्ष तंत्र के तहत योग्य उम्मीदवारों को अवसर देने की दिशा में अहम कदम है।

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 17 July 2025, 6:33 PM IST
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Lucknow: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (UPPCB) अब अपनी भर्ती प्रक्रिया में ऐतिहासिक बदलाव करने जा रहा है। सालों तक केवल इंटरव्यू के आधार पर नियुक्तियां करने वाले इस बोर्ड में अब लिखित परीक्षा अनिवार्य कर दी जाएगी। यह बदलाव सिर्फ भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के उद्देश्य से नहीं है, बल्कि यह एक व्यवस्थित और निष्पक्ष तंत्र के तहत योग्य उम्मीदवारों को अवसर देने की दिशा में अहम कदम है।

हाइलाइट्स

  • अब इंटरव्यू के साथ होगी लिखित परीक्षा
  • IIT कानपुर कराएगा एग्जाम
  • 233 नए पदों का सृजन
  • योग्यताएं: साइंस या टेक्निकल बैकग्राउंड, स्नातक/परास्नातक
  • 15 साल बाद फिर खुल रहा भर्ती का दरवाजा
  • भ्रष्टाचार मुक्त और पारदर्शी चयन का दावा

क्या है नई भर्ती प्रक्रिया?

UPPCB की नई योजना के तहत अब भर्तियों के लिए लिखित परीक्षा और साक्षात्कार (इंटरव्यू) चरणों में चयन प्रक्रिया होगी। यह परीक्षा देश की प्रतिष्ठित संस्था IIT कानपुर के माध्यम से कराए जाने का प्रस्ताव है, जिसे जल्द ही राज्य कैबिनेट की स्वीकृति मिलने की संभावना है।

किन पदों पर होगी भर्ती?

बोर्ड में लंबे समय से रिक्त पड़े पदों को भरने के साथ-साथ 233 नए पद भी सृजित किए जा रहे हैं। अब कुल स्वीकृत पदों की संख्या 965 हो जाएगी। इनमें शामिल हैं। मुख्य पर्यावरण अधिकारी, पर्यावरण अभियंता, सहायक वैज्ञानिक अधिकारी और समूह-ग के कर्मचारी आदि।

क्या है योग्यता?

इन पदों के लिए आवेदन करने के लिए न्यूनतम स्नातक (Graduation) से लेकर पर्यावरण विज्ञान, रसायन विज्ञान, सिविल या मैकेनिकल इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता आवश्यक होती है। कुछ तकनीकी पदों के लिए पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री और संबंधित फील्ड में अनुभव को वरीयता दी जा सकती है।

भर्ती की पारदर्शिता पर फोकस

इससे पहले 2010 में बसपा शासनकाल में हुई भर्तियों को लेकर भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप लगे थे। तब भी लिखित परीक्षा केवल औपचारिकता थी और चयन इंटरव्यू से कर लिया गया था। इसी विवाद के चलते बीते 15 वर्षों से कोई नियमित भर्ती नहीं हो सकी। अब प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने के लिए नियमावली में संशोधन किया गया है।

भविष्य की योजना क्या है?

वर्तमान में 28 क्षेत्रीय कार्यालय हैं, जिन्हें बढ़ाकर 33 किया जाएगा। दो नए वृत्त भी बनाए जाएंगे जो ई-वेस्ट, STP और CETP जैसे अत्याधुनिक पर्यावरणीय मुद्दों की निगरानी करेंगे। 22 क्षेत्रीय प्रयोगशालाओं और केंद्रीय प्रयोगशाला में विशेषज्ञों की तैनाती की जाएगी।

IIT कानपुर क्यों?

UPPCB के चेयरमैन रविन्द्र प्रताप सिंह के अनुसार, लोक सेवा आयोग (UPPSC) के पास पहले से भर्ती परीक्षाओं का भारी दबाव है। यहां प्रक्रिया में दो वर्ष तक का समय लग सकता है। इसलिए बोर्ड ने IIT कानपुर को परीक्षा आयोजन की जिम्मेदारी सौंपने की सिफारिश की है ताकि तेज़, निष्पक्ष और तकनीकी रूप से सशक्त चयन सुनिश्चित किया जा सके।

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