

अब हाईकोर्ट ने अगला बड़ा कदम उठाते हुए बिल्डर को 25 करोड़ रुपये जमा करने और अतिरिक्त 50 फ्लैट तुरंत रिलीज करने का निर्देश दिया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट
Noida News: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने नोएडा स्थित दो आवासीय परियोजनाओं ग्रैंड ओमेक्स और फॉरेस्ट स्पा में फ्लैट खरीदारों को बड़ी राहत देते हुए ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड को 25 करोड़ रुपये की राशि जमा करने और पहले से जारी 170 फ्लैटों के अतिरिक्त 50 फ्लैट खरीदारों के पक्ष में रिलीज करने का आदेश दिया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, यह आदेश सोमवार को न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता और न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता की पीठ ने तरुण कपूर समेत 30 फ्लैट खरीदारों द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।
क्या है मामला?
नोएडा प्राधिकरण से लीज पर ली गई भूमि पर ओमेक्स बिल्डहोम लिमिटेड ने दो आवासीय परियोजनाएं ग्रैंड ओमेक्स और फॉरेस्ट स्पा शुरू की थी। याचिका दाखिल करने वाले 30 फ्लैट खरीदारों ने दावा किया कि उन्होंने फ्लैट की पूरी कीमत अदा कर दी है। इसके बावजूद बिल्डर उनके पक्ष में त्रिपक्षीय समझौते (Tripartite Agreements) निष्पादित नहीं कर रहा था। जिससे उन्हें कानूनी स्वामित्व नहीं मिल पा रहा था।
नोएडा प्राधिकरण की आपत्ति
नोएडा प्राधिकरण का कहना था कि ओमेक्स ने लीज एग्रीमेंट के तहत 250 करोड़ रुपये की बकाया राशि अब तक जमा नहीं की है। इसी वजह से प्राधिकरण ने परियोजनाओं से संबंधित अधिभोग प्रमाण पत्र (Occupancy Certificate) और पूर्णता प्रमाण पत्र (Completion Certificate) जारी करने से इनकार कर दिया था। इससे फ्लैट खरीदारों की स्थिति अनिश्चित हो गई थी और वे बिना कानूनी अधिकार के फ्लैटों में रहने या कब्जा लेने को मजबूर थे।
हाईकोर्ट की सख्ती
हाईकोर्ट ने इससे पहले बिल्डर को निर्देश दिया था कि जब तक वह संपूर्ण बकाया राशि का भुगतान नहीं करता, तब तक नोएडा प्राधिकरण कोई अधिभोग या पूर्णता प्रमाण पत्र जारी न करे। ओमेक्स बिल्डर द्वारा इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (SLP) दायर की गई थी, जिसे सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। अब हाईकोर्ट ने अगला बड़ा कदम उठाते हुए बिल्डर को 25 करोड़ रुपये जमा करने और अतिरिक्त 50 फ्लैट तुरंत रिलीज करने का निर्देश दिया है, ताकि याचिकाकर्ताओं को न्याय मिल सके।
अब आगे क्या होगा?
हाईकोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि यह अंतरिम राहत है और मामले की अंतिम सुनवाई तक बिल्डर को पूरी बकाया राशि चुकानी होगी। अगली सुनवाई की तारीख पर प्राधिकरण और बिल्डर से आगे की स्थिति रिपोर्ट मांगी गई है। यह फैसला न सिर्फ 30 याचिकाकर्ताओं के लिए राहत लेकर आया है, बल्कि नोएडा की अन्य रुकी हुई परियोजनाओं के लिए भी एक अहम नज़ीर बन सकता है। हाईकोर्ट के इस आदेश से फ्लैट खरीदारों में उम्मीद जगी है कि लापरवाह बिल्डरों पर अब न्यायालय सख्त कार्रवाई करेगा।