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मुजफ्फरनगर के सोरम गांव में हुई सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत में हरियाणवी सिंगर रोनी रमन ने संस्कृति, मर्यादा और सोशल मीडिया के दायित्वों पर महत्वपूर्ण संदेश दिए। उन्होंने इंस्टाग्राम पर रील बनाने वाली महिलाओं और युवाओं को नसीहत दी। रोनी ने बताया कि आधुनिकता जरूरी है, लेकिन जड़ों से जुड़ना सबसे बड़ी सफलता है।
हरियाणवी सिंगर रोनी रमन
Muzaffarnagar: मुजफ्फरनगर के ऐतिहासिक गांव सोरम में आयोजित तीन दिवसीय सर्वजातीय सर्वखाप पंचायत सोमवार को उस वक्त और भी खास हो गई जब प्रसिद्ध हरियाणवी सिंगर रोनी रमन ने कार्यक्रम में शिरकत की। मंच पर मौजूद बुजुर्गों, समाज प्रतिनिधियों और हजारों लोगों के बीच उन्होंने न केवल अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई, बल्कि सामाजिक चेतना से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर स्पष्ट और संतुलित विचार भी रखे।
मीडिया से बातचीत में रोनी रमन ने कहा कि उन्हें इस मंच पर बुलाया जाना गर्व की बात है क्योंकि सर्वखाप पंचायत जैसे परंपरागत मंच समाज की समस्याओं पर गंभीर चिंतन करते हैं। उन्होंने कहा कि आज भले ही दुनिया मोबाइल, कंप्यूटर और आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के सहारे तेज़ी से बदल रही है, लेकिन जीवन का गहरा ज्ञान और संस्कार ऐसे ही सामुदायिक सभाओं से मिलते हैं। उनके अनुसार, “आधुनिक साधन सुविधाएं दे सकते हैं, लेकिन जड़ों से जोड़ने का काम हमारी संस्कृति और पंचायतें ही करती हैं।”
युवा पीढ़ी और कंटेंट क्रिएटर्स पर बात करते हुए रोनी रमन ने कहा कि सोशल मीडिया प्रसिद्धि पाने का साधन जरूर है, लेकिन इसका इस्तेमाल जिम्मेदारी के साथ होना चाहिए। उन्होंने कलाकारों और रील बनाने वाले युवाओं को सलाह दी कि वे अनुचित भाषा, विवादित विषय और सस्ती लोकप्रियता के पीछे न भागें। उन्होंने कहा कि“ऐसा कंटेंट बनाइए जो समाज को कुछ दे, जिसमें व्यंग्य हो, संदेश हो, और संस्कृति की झलक हो। व्यक्तिगत सम्मान भी बढ़ेगा और आपके फ़ॉलोअर्स आपको आदर्श मानेंगे।”
इंस्टाग्राम पर रील बनाने वाली महिलाओं को संबोधित करते हुए रोनी रमन ने कहा कि कुछ फॉलोअर्स या लाइक्स के लिए खुद की मर्यादा से समझौता करना किसी भी तरह फायदेमंद नहीं। उन्होंने साफ कहा कि अश्लीलता फैलाने वाली वीडियो न सिर्फ समाज को गलत दिशा देती हैं, बल्कि महिलाओं की गरिमा को भी चोट पहुंचाती हैं।
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उन्होंने प्रेरणा के रूप में देश की वीरांगनाओं, झांसी की रानी, मातृभूमि के लिए बलिदान देने वाली महिलाओं और ग्रामीण समाज की परंपराओं में योगदान करने वाली नारी शक्ति का उल्लेख किया।
युवाओं को प्रेरित करते हुए रोनी रमन ने कहा कि जीवन एक ही बार मिलता है और हर परिवार में एक ऐसा बच्चा जरूर होता है जो या तो पीढ़ियों द्वारा बनाई गई पूंजी और प्रतिष्ठा को मिटा देता है या फिर अपने आचरण, मेहनत और आदर्शों से परिवार का नाम सदियों तक अमर कर देता है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सोच-समझकर कदम उठाएं, अपनी संस्कृति को थामे रखें और समाज के लिए सकारात्मक उदाहरण बनें।