

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव जी की आज तीसरी पुण्यतीथी है। ऐसे में पुण्यतिथी पर जानिये नेताजी और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से जुड़ी कुछ यादगार बातें
सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से जुड़ी कुछ यादगार बातें
New Delhi: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव का निधन 10 अक्टूबर 2022 को हुआ था। उनकी पुण्यतिथि पर लोग उन्हें याद कर उनकी राजनीतिक यात्रा और योगदान को सम्मान देते हैं। आइए जानें सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव से जुड़ी कुछ यादगार बातें
नेताजी और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव ने अपनी राजनीतिक यात्रा बहुत ही संघर्षपूर्ण तरीके से शुरू की। वे शुरू में कांग्रेस के नेता रहे, लेकिन बाद में अपने राजनीतिक विचारों को लेकर 1992 में समाजवादी पार्टी की स्थापना की।जिसने उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक नया अध्याय शुरू किया। उन्होंने हमेशा गरीब, किसानों, मजदूरों और पिछड़े वर्गों के अधिकारों के लिए आवाज उठाई। उनके जीवन की खास बात यह थी कि उन्होंने राजनीति को जनता से जोड़ा रखा और जमीन से जुड़े रहकर ही राजनीति की।
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मुलायम सिंह यादव उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री रहे। उन्होंने 1989, 1993 और 2003 में मुख्यमंत्री पद संभाला। इन कार्यकालों में उन्होंने उत्तर प्रदेश के विकास के साथ-साथ सामाजिक न्याय को बढ़ावा दिया। उनकी नीतियां गरीबों और पिछड़ों के लिए वरदान साबित हुईं।
मुलायम सिंह यादव अपने सीधे और सरल स्वभाव के लिए जाने जाते थे। वे अपनी बात को सीधे और स्पष्ट रूप में रखते थे। राजनीति में उनकी छवि एक मजबूत और प्रभावशाली नेता की थी, लेकिन जनता के बीच वे बेहद प्रिय भी थे। एक रोचक बात यह है कि वे अपनी पुरानी बाइक से यात्रा करना पसंद करते थे, जो उनकी सादगी को दर्शाता था।
मुलायम सिंह यादव ने अपने परिवार को भी राजनीति में सक्रिय बनाया। उनके पुत्र अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रह चुके हैं और उनकी बेटी प्रकाश यादव भी राजनीति में सक्रिय हैं। नेताजी ने अपने परिवार के साथ-साथ पार्टी को भी मजबूत आधार दिया।
उनका निधन राजनीति में एक युग के खत्म होने जैसा था। उनकी सोच, उनके संघर्ष और उनकी जनता के प्रति प्रतिबद्धता आज भी लोगों के दिलों में जीवित है। उनकी पुण्यतिथि पर समाजवादी पार्टी और समर्थक उन्हें याद करते हुए उनके आदर्शों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
मुलायम सिंह यादव का सादा जीवन और जनता के बीच सहज व्यवहार उनके लिए खास पहचान थी। वे अक्सर अपनी पुरानी मोटरसाइकिल से यात्रा करते थे, जो बताता है कि वे बड़े पद पर रहते हुए भी जमीन से जुड़े और सीधे-साधे इंसान थे। नेता होने के बावजूद वह दिखावा या भव्यता से दूर थे।
मुलायम सिंह यादव को एक कुशल राजनीतिक रणनीतिकार माना जाता था। उन्होंने कई बार कम संसाधनों के बावजूद बड़े चुनावी मुकाबले जीते। उनकी चुनावी रणनीतियां खास तौर पर पिछड़े वर्ग और समाज के कमजोर तबकों को जोड़ने वाली होती थीं।
राजनीति में कई बार दबाव और चुनौती आई, लेकिन मुलायम सिंह यादव ने कभी हार नहीं मानी। एक बार जब उनके खिलाफ पार्टी में विद्रोह हुआ था, तब भी उन्होंने संयम दिखाया और पार्टी को मजबूती से संभाला। उनका धैर्य और साहस राजनीतिक जीवन के लिए मिसाल है।
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कहा जाता है कि मुलायम सिंह यादव ने महात्मा गांधी के एक सिद्धांत को अपनाया “सत्य और अहिंसा”। वे हमेशा अपने राजनीतिक संघर्ष में इस सिद्धांत का पालन करते थे, जो उनकी छवि को और भी सम्मानित बनाता था।
मुलायम सिंह यादव न केवल राजनीतिक रूप से बल्कि आम जनता के बीच भी बहुत लोकप्रिय थे। छोटे से लेकर बड़े लोग उन्हें “नेताजी” कहकर सम्मान देते थे। उनकी जनसमर्थन की वजह उनका जनता से जुड़ाव और उनकी समस्याओं को समझना था।
नेताजी के पास तेज बुद्धि के साथ-साथ हास्य की भी अच्छी समझ थी। वे राजनीतिक मंचों पर अक्सर अपनी चतुराई और हास्य के जरिए माहौल को हल्का-फुल्का कर देते थे, जिससे लोगों का मन जीता।