

यह मुकदमा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा दर्ज किया गया है। जिला न्यायालय एवं एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा संख्या 324/2025 के तहत FIR पंजीकृत है। यह पूरा मामला मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर से जुड़ा हुआ है।
मुख्तार अंसारी का बेटा और बीवी
Lucknow News: मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी के खिलाफ 3 अगस्त 2025 की शाम 5:33 बजे मुकदमा दर्ज किया गया। उमर अंसारी के खिलाफ 319 (2), 318 (4), 338, 336 (3) और 340 (2) की धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है। यह मुकदमा गाज़ीपुर पुलिस ने दर्ज किया है और गाज़ीपुर पुलिस ने ही उमर अंसारी को गिरफ्तार किया है। उमर अंसारी के साथ एडवोकेट लियाकत अली के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया है।
अब समझिए, क्या है पूरा मामला
यह मुकदमा सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता द्वारा दर्ज किया गया है। जिला न्यायालय एवं एमपी-एमएलए कोर्ट में मुकदमा संख्या 324/2025 के तहत FIR पंजीकृत है। यह पूरा मामला मुख्तार अंसारी की पत्नी आफसा अंसारी के द्वारा फर्जी हस्ताक्षर से जुड़ा हुआ है। आफसा अंसारी ने एक दस्तावेज पर फर्जी तरीके से हस्ताक्षर किए थे। मुकदमे में बताया गया कि मैं मेमर्स विकास कंट्रक्शन में आफसा अंसारी 60 प्रतिशत की हिस्सेदार हैं, लेकिन पार्टनरशिप में मुख्तार अंसारी की पत्नी के द्वारा किए गए हस्ताक्षर बिल्कुल अलग दिखाई दे रहे हैं। जबकि लियाकत अली एडवोकेट के द्वारा यह बताया गया है कि आफसा अंसारी ने अपने बेटे उमर अंसारी के माध्यम से खुद हस्ताक्षर किया था और फाइल को उमर अंसारी के हाथ सौंप दिया गया था।
आफसा अंसारी के ऊपर 50,000 का इनाम
मुकदमे में लिखा है कि जबकि आफसा अंसारी गाजीपुर जिले में है ही नहीं। उनके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी है और 50,000 का इनाम भी रखा गया है। आफसा अंसारी अभी फरार है और उनकी तलाश के लिए लगातार दबिश दी जा रही है। इसलिए वह बिल्कुल भी ऐसी आफत अपने गले नहीं ले सकती। मुकदमे के मुताबिक कहा गया है कि यह पूरा षड्यंत्र उनके बेटे उमर अंसारी और वकील लियाकत अली के द्वारा रचा गया है। इसी के आधार पर दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है।
कहां से हुई गिरफ्तारी?
उमर अंसारी लखनऊ के विधानसभा आवासीय परिसर 'दारुलशफ़ा' में मौजूद था, जहां से शनिवार को गाजीपुर जिले की पुलिस टीम ने उसे गिरफ्तार किया। पुलिस अधिकारियों ने स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर इस कार्रवाई को अंजाम दिया। दारुलशफ़ा जहां प्रदेश के कई पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों का निवास है, वहां से किसी आपराधिक मामले में गिरफ्तारी होना अपने आप में एक बड़ी घटना मानी जा रही है।