

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले के पसवारा गांव में एक बड़ा हादसा हुआ है। खनन कार्य के दौरान पहाड़ की चट्टान धंसने से दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई और दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के वक्त मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खतरनाक खनन कर रहे थे। ग्रामीणों ने ब्लास्टिंग को हादसे की वजह बताया है।
महोबा में बड़ा हादसा
Mahoba: उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में रविवार को खनन कार्य के दौरान बड़ा हादसा हो गया। शहर कोतवाली क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पसवारा गांव में पहाड़ की चट्टान अचानक धंसने से चार मजदूर मलबे में दब गए। इस हादसे में दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया और ग्रामीणों की भीड़ घटनास्थल पर जुट गई।
जानकारी के मुताबिक रविवार सुबह मजदूर रोज की तरह खनन कार्य में लगे हुए थे। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मजदूर बिना किसी सुरक्षा उपकरण के बेहद खतरनाक हिस्से पर काम कर रहे थे। इसी दौरान अचानक पहाड़ का एक बड़ा हिस्सा भरभरा कर गिर पड़ा और चार मजदूर चपेट में आ गए। हादसा इतना भीषण था कि दो मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई।
मृतकों की पहचान सलीम (38 वर्ष) निवासी मकरबई गांव और नारायण सिंह (35 वर्ष), निवासी बाबू सिंह का बेटा के रूप में हुई है। वहीं, घायल मजदूरों में हसन (35 वर्ष), निवासी मकरबई की हालत गंभीर बताई जा रही है और उसे प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। दूसरा घायल शिवम (21 वर्ष), निवासी बमरारा मशीन ऑपरेटर है, जिसे मामूली चोटें आई हैं।
स्थानीय ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि खदान में अवैध तरीके से ब्लास्टिंग की जा रही थी। ब्लास्टिंग के कारण चट्टानें कमजोर हो जाती हैं और इसी वजह से पहाड़ का हिस्सा अचानक धंस गया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि हादसे से कुछ क्षण पहले धमाके जैसी आवाज सुनाई दी थी। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि प्रशासन को कई बार अवैध खनन और ब्लास्टिंग की शिकायत दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। शहर कोतवाली पुलिस ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया और मलबे में दबे मजदूरों को बाहर निकाला। तहसील प्रशासन और एसडीएम ने घटनास्थल का निरीक्षण कर परिजनों से मुलाकात की।
एसडीएम महोबा ने कहा कि प्रारंभिक जांच में सुरक्षा मानकों की अनदेखी सामने आई है। मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। मृतकों के परिजनों को शासन स्तर से आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन भी दिया गया है।
इस हादसे ने एक बार फिर खनन कार्य में लापरवाही और मजदूरों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अवैध खनन, सुरक्षा उपकरणों की कमी और निरीक्षण व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि सुरक्षा मानकों का पालन किया जाता और अवैध ब्लास्टिंग पर रोक लगाई जाती तो ऐसी दर्दनाक घटनाओं को टाला जा सकता था।