

मुरादाबाद में एक जनसभा के दौरान प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने विवादित बयान देते हुए भारत-पाकिस्तान सीजफायर और केंद्र सरकार की विदेश नीति पर तीखा सवाल उठाया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज की रिपोर्ट
AIMIM प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ( दायें से दूसरे स्थान पर )
मुरादाबाद: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने मुरादाबाद में एक जनसभा के दौरान विवादित बयान देते हुए भारत-पाकिस्तान सीजफायर और केंद्र सरकार की विदेश नीति पर तीखा सवाल उठाया। उन्होंने दावा किया कि पाकिस्तान में आतंकवादियों पर की गई भारतीय सेना की कार्रवाई बिल्कुल सही थी, लेकिन सीजफायर समझौते पर उन्हें अफसोस है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार, सभा को संबोधित करते हुए शौकत अली ने कहा, "अगर सेना को जरूरत पड़ी, तो समझ लीजिए मुसलमान 'रिजर्व फोर्स' की तरह उसके साथ खड़ा होगा। हम जिहाद की तरह लड़ते हैं, जिसमें न उम्र देखी जाती है, न हाइट, बल्कि देखा जाता है कि कौन सच्चा जिहादी है।"
उन्होंने सेना की कार्रवाई का समर्थन करते हुए लेफ्टिनेंट कर्नल सोफिया कुरैशी का नाम लेते हुए कहा कि अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह समझना चाहिए कि "अब्दुल सिर्फ पंचर नहीं बनाता, बल्कि पंचर करता भी है।"
शौकत अली ने भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान के साथ सीजफायर करने के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि, "हम उन 26 मासूमों के लिए इंसाफ चाहते हैं जो पहलगाम में मारे गए। क्या उनके हत्यारों को मारा गया? क्या बदला पूरा हो गया? और क्या अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप के एक ट्वीट से लड़ाई बंद हो जाती है? क्या ट्रंप हमारा बाप है?"
मुरादाबाद में AIMIM प्रदेश अध्यक्ष शौकत अली ने दिया विवादित बयान, मुस्लिमों को बताया 'रिजर्व फोर्स'
उन्होंने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जब भी चुनाव आता है तो बीजेपी को पीओके और पाकिस्तान याद आने लगता है, लेकिन चुनाव के बाद यही नेता "पाकिस्तान में बिरयानी खाने चले जाते हैं।" अपने संबोधन में उन्होंने आरएसएस पर भी परोक्ष हमला बोलते हुए कहा, "ये जो संगठन जय श्री राम के नाम पर मुसलमानों को निशाना बना रहे हैं, वो आतंकवादी संगठनों से अलग नहीं हैं।" उन्होंने कहा कि जो घटनाएं आतंकवादी पहलगाम में करते हैं, वैसी ही हरकतें ये संगठन भी देश में कर रहे हैं।
अंत में उन्होंने पाकिस्तान को एक इस्लामिक देश की तरह न देखने की अपील करते हुए कहा कि पाकिस्तान की वजह से इस्लाम की छवि लगातार धूमिल हो रही है। उनका बयान राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी प्रतिक्रिया का कारण बन रहा है। अभी तक सरकार या सेना की ओर से इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन मामले को लेकर माहौल गर्मा गया है।