

यूपी के प्रयागराज से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां एसटीएफ ने नकली दस्तावेज बनाने वालों को पकड़ लिया है। पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
संगठित गिरोह का भंडाफोड़
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जनपद में स्वास्थ्य सुरक्षा योजना को बुरी तरह लूटने वाला घोटाला सामने आया है। जहां उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने प्रयागराज के नवाबगंज से एक ऐसे संगठित गिरोह का भंडाफोड़ कर दिया, जो फर्जी दस्तावेजों के जरिए सैकड़ों अपात्र लोगों के नाम पर आयुष्मान कार्ड बनवाकर सरकार की योजना को चूना लगाने में लगे हुए थे।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता को मिली जानकारी के मुताबिक इस कांड के मास्टरमाइंड अमित पांडेय समेत दो अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। जिसके बाद इलाके में शांति का माहौल बन गया।
अभियुक्त से बरामद हुई ये सामान
बता दें कि 17 जून की शाम 7 बजकर 45 मिनट में एसटीएफ ने नवाबगंज बाइपास के नीचे दबिश देने के बाद अमित पांडेय (उम्र 28 वर्ष) और उसके सहयोगी बृजभुवन पटेल (उम्र 48 वर्ष) को रंगे हाथों पकड़ा गया। इस दौरान दोनों के कब्जे से 84 फर्जी आयुष्मान कार्ड, 112 वर्क डेटा, 284 वॉट्सऐप चैटिंग के स्क्रीनशॉट, आधार कार्ड, एटीएम, नकदी और मोबाइल फोन बरामद किया गया।
अभियुक्त अमित पांडेय ने खोला बड़ा राज
मिली जानकारी के मुताबिक गिरफ्तार अमित पांडेय ने सनसनीखेज खुलासा किया कि उसने पहले CSC सेंटर की वैध आईडी से आयुष्मान कार्ड बनवाया था, लेकिन आईडी बंद होने के बाद वह बिहार के एक शातिर जालसाज सुनित मंडल के संपर्क मे पहुंच गया।
सुनित ऐसे बनाता था फर्जी आधार कार्ड
सुनित फर्जी आधार और फैमिली आईडी से अपात्र लोगों को किसी और परिवार में जोड़कर कार्ड बनवाता था। बदले में वह पैसे चार्ज करता है। वहीं अमित ऐसे कार्ड जरूरतमंदों से 12000 से 15000 में बनवाता और साथ ही बिचौलियों को भी कमीशन देता था।
अभियुक्तों ने की फर्जी कार्ड बनवाकर लाखों रुपए की कमाई
आपकों बता दें कि इस गिरोह ने करीब 200 फर्जी कार्ड बनवाकर लाखों रुपए की अवैध कमाई की है। इन कार्ड्स के जरिए अपात्र लोग सरकारी योजना में इलाज करने गए है, जिससे सरकारी खजाने को नुकसान हुआ।
एसटीएफ गिरोह की तलाश में
एसटीएफ अब गिरोह के बाकी सदस्यों की तलाश कर रही है। बता दें कि आरोपियों पर बीएनएस और आईटी एक्ट की कई गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। फिलहाल पुलिस मामले की कार्रवाही में जुटी हुई है।