

महिलवार गांव में शुक्रवार की देर शाम एक भीषण अग्निकांड ने पूरे गांव को झकझोरकर रख दिया। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
आग बुझाने में लगे लोग
गोरखपुर: यूपी के गोरखपुर जनपद के खजनी थाना क्षेत्र से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां के महिलवार गांव में शुक्रवार की देर शाम एक भीषण अग्निकांड ने पूरे गांव को झकझोरकर रख दिया। यह दर्दनाक हादसा शाम करीब 7:30 बजे हुआ, जब किराना व्यवसाई बद्री नाथ कसौधन के घर में अचानक आग लग गई। देखते ही देखते आग की लपटों ने पूरे घर को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे घर और उसमें रखा सारा सामान जलकर खाक हो गया। इस हादसे ने न केवल बद्री नाथ के परिवार को गहरे संकट में डाल दिया, बल्कि पूरे गांव में दहशत का माहौल पैदा कर दिया।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, आग की लपटों ने बद्री नाथ की बेटी शशि कसौधन को बुरी तरह झुलसा दिया, जबकि उनकी पत्नी रीना कसौधन सदमे से बेहोश हो गईं। दोनों की हालत बेहद गंभीर बताई जा रही है और उन्हें तत्काल उपचार के लिए नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस हादसे में बद्री नाथ की किराना और बीज की दुकान, पूरी तरह नष्ट हो गई। इसके अलावा, घर के अन्य हिस्से में रखा सट्टरिंग का सामान भी आग की भेंट चढ़ गया। प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, इस अग्निकांड से 25 से 30 लाख रुपये का नुकसान हुआ है।
ग्रामीणों ने बचाई जान
वहीं इस भयावह हादसे के बीच गांव आग की लपटों में फंसी तीन बच्चियों को गांव के बहादुर युवाओं ने अपनी जान जोखिम में डालकर बचा लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गांव के युवा प्रद्युम्न कुमार, प्रेम कुमार, निकेश, संतोष, इंदल, विष्णु और किशन देव ने अदम्य साहस का परिचय देते हुए आग की लपटों के बीच कूदकर बच्चियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इन युवाओं ने न केवल बच्चियों की जान बचाई, बल्कि आग पर काबू पाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
तीन घंटे की मशक्कत के बाद काबू में आई आग
जानकारी के अनुसार, आग इतनी भयंकर थी कि इसे बुझाने में तीन घंटे से अधिक समय लग गया। सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और ग्रामीणों के सहयोग से आग पर काबू पाया गया। हालांकि, तब तक बद्री नाथ का पूरा घर और उसमें रखा सारा सामान राख में तब्दील हो चुका था। इस हादसे के बाद गांव में हड़कंप मच गया। ग्रामीणों का कहना है कि आग लगने का सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है और वे इसकी गहन जांच की मांग कर रहे हैं।
प्रशासन से लगाई मदद की गुहार
इस त्रासदी ने बद्री नाथ और उनके परिवार को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। उनकी आजीविका का मुख्य स्रोत, उनकी दुकान और घर, अब कुछ नहीं बचा। स्थानीय लोगों और ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से पीड़ित परिवार को तत्काल आर्थिक सहायता, पुनर्वास और अन्य आवश्यक मदद प्रदान करने की अपील की है।