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दिल्ली में हुए हालिया आतंकी धमाके के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू की है। यह कार्रवाई आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
NIA का बड़ा एक्शन
New Delhi: दिल्ली में हुए हालिया आतंकी धमाके के बाद राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने कश्मीर घाटी में बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू की है। यह कार्रवाई आतंकी नेटवर्क को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है। जांच एजेंसी ने कई जिलों में उन स्थानों पर छापे मारे जो पिछले महीनों में सामने आए आतंकी मॉड्यूल से जुड़े लोगों के थे।
NIA की यह कार्रवाई सिर्फ नए मॉड्यूल तक सीमित नहीं है। जांच एजेंसी ने पुराने मामलों को भी इसमें शामिल किया है। इसी कड़ी में लाल किला धमाका (Red Fort blast) मामले के आरोपियों के रिहायशी ठिकानों पर भी छापेमारी की गई। कई स्थानों से इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस, दस्तावेज और संदिग्ध सामग्री जब्त की गई है। एजेंसी का मानना है कि पुराने और नए आतंकी नेटवर्क के बीच कनेक्शन तलाशना बेहद जरूरी है, ताकि पूरी चेन को तोड़ा जा सके।
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कुछ ही दिनों पहले देशभर में सनसनी फैल गई थी जब एक अंतर्राज्यीय “व्हाइट-कॉलर” आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ हुआ। यह मॉड्यूल इसलिए खास माना गया क्योंकि इसमें शामिल लोग दिखने में सामान्य, पढ़े-लिखे और पेशेवर पृष्ठभूमि से थे, लेकिन आतंकी गतिविधियों के लिए लॉजिस्टिक सपोर्ट प्रदान कर रहे थे। हरियाणा के फरीदाबाद से अमोनियम नाइट्रेट सहित करीब 3,000 किलोग्राम विस्फोटक बरामद होने के बाद सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ गई थी। माना जा रहा है कि इन विस्फोटकों का इस्तेमाल बड़े हमलों में किया जा सकता था।
10 नवंबर को दिल्ली में हुए धमाके के बाद जांच ने गति पकड़ी। इसी कड़ी में दिल्ली पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों ने पिछले हफ्ते जम्मू-कश्मीर के पुलवामा और श्रीनगर के अस्पतालों में लॉकरों की औचक जांच की। आशंका थी कि आतंकी समूह हथियार या विस्फोटक छिपाने के लिए अस्पतालों जैसी जगहों का उपयोग कर सकते हैं।
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NIA की यह छापेमारी पूरी घाटी में सक्रिय आतंकी तत्वों के नेटवर्क को तोड़ने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है। एजेंसी का मानना है कि दिल्ली धमाके, व्हाइट-कॉलर मॉड्यूल और पुरानी आतंकी घटनाओं के बीच किसी न किसी प्रकार का संगठित नेटवर्क मौजूद है। मौजूदा छापेमारी से कई महत्वपूर्ण सुराग मिलने की उम्मीद है, जो आगे की कार्रवाई को दिशा देंगे। सुरक्षा एजेंसियां आने वाले दिनों में और भी कड़े कदम उठा सकती हैं।