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मैनपुरी के ग्राम ग्वालटोली में हरिजन की ज़मीन पर अवैध कब्ज़े का मामला सामने आया है। ग्रामीणों ने दशरथ सिंह यादव पर गलत तरीके से पट्टा लेकर कब्ज़ा करने का आरोप लगाया और ज़िलाधिकारी से भू-माफिया अधिनियम के तहत कार्रवाई की मांग की।
मैनपुरी में हरिजन की जमीन पर अवैध कब्जा
Mainpuri: मैनपुरी जिले के ग्राम ग्वालटोली में हरिजन समुदाय की ज़मीन पर अवैध कब्ज़े का मामला सामने आया है। ग्रामीणों का आरोप है कि दशरथ सिंह यादव नाम के व्यक्ति ने सरकारी ज़मीन का पट्टा अपने नाम फर्जी तरीके से करवा लिया और अब वहां कब्ज़ा जमा लिया है। इस पूरे मामले को लेकर ग्रामीणों में भारी नाराज़गी है और उन्होंने ज़िलाधिकारी से शिकायत की है।
ग्रामीणों के अनुसार, दशरथ सिंह यादव ने अब तक लगभग 64 बीघा ज़मीन पर अवैध रूप से कब्ज़ा कर लिया है। आरोप यह भी है कि यह कब्ज़ा कुछ प्रभावशाली लोगों की मदद से किया गया है। ग्रामीणों ने कहा कि यह ज़मीन मूल रूप से हरिजन परिवारों को दी जानी थी, लेकिन प्रशासनिक अनदेखी के कारण अब इस पर बाहरी लोगों का कब्ज़ा हो गया है।
ग्रामवासियों ने इस मामले में ज़िलाधिकारी मैनपुरी को एक लिखित ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने भू-माफिया अधिनियम के तहत दशरथ सिंह यादव पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि दशरथ सिंह यादव न तो इस गांव के निवासी हैं और न ही उन्हें इस ज़मीन पर कोई कानूनी हक़ है।
ग्रामीणों की ओर से मुख्य शिकायतकर्ता प्रदीप कुमार ने बताया कि दशरथ सिंह यादव ने सरकारी नीतियों की धज्जियां उड़ाते हुए गरीबों की ज़मीन पर कब्ज़ा किया है। उन्होंने कहा कि, “नियमों के मुताबिक, पट्टा उसी व्यक्ति को दिया जा सकता है जो संबंधित गांव का निवासी हो, लेकिन यहां नियमों की पूरी तरह अनदेखी हुई है।”
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ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया है कि स्थानीय स्तर पर कुछ अधिकारियों और प्रभावशाली लोगों की मिलीभगत से यह अवैध कब्ज़ा संभव हुआ है। कई बार शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने इस मामले को कई बार तहसील प्रशासन के सामने उठाया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया।
एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि दशरथ सिंह यादव ने इस ज़मीन पर खेती शुरू कर दी है और गरीब परिवारों को वहां आने नहीं देता। “हम लोग अपनी हक़ की ज़मीन के लिए प्रशासन के दरवाज़े खटखटा रहे हैं, लेकिन अभी तक न्याय नहीं मिला,” उन्होंने कहा।
ग्रामीणों ने अब ज़िलाधिकारी से अपील की है कि इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और ज़मीन को अवैध कब्ज़े से मुक्त कराया जाए। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
इस बीच प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश देने की बात कही है। अधिकारियों का कहना है कि मामले से संबंधित दस्तावेजों की जांच की जा रही है और अगर आरोप सही पाए गए तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।