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महराजगंज के निचलौल ब्लॉक में एक इंटर कॉलेज शिक्षक सुनील साहनी का अश्लील डांस वीडियो वायरल हुआ। छात्राओं के साथ अनुचित व्यवहार ने समाज में आक्रोश फैला दिया। ग्रामीण और अभिभावक तुरंत कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
अध्यापक की शर्मनाक हरकत
Maharajganj: जिले के निचलौल विकास खंड के ग्रामसभा गड़ौरा बाजार स्थित एक इंटर कॉलेज का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में कॉलेज के अध्यापक सुनील साहनी, जो लक्ष्मीपुर निवासी बताए जा रहे हैं, छात्राओं के साथ अश्लील गाने पर डांस करते नजर आ रहे हैं। इस वीडियो ने शिक्षा जगत और समाज में आक्रोश फैला दिया है।
सूत्रों के मुताबिक, कॉलेज में एक सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किया गया था, जिसमें नियमों की खुलेआम धज्जियां उड़ाई गईं। वीडियो में देखा जा सकता है कि शिक्षक ने अश्लील गानों पर छात्राओं के साथ ठुमके लगाए। इसके अलावा, वह बार-बार अनुचित तरीके से छात्राओं को छूते भी दिखाई दे रहे हैं। इस तरह के व्यवहार ने शिक्षा की गरिमा को ठेस पहुंचाई है और छात्राओं की सुरक्षा और सम्मान पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि शिक्षक को समाज में आदर्श माना जाता है, लेकिन इस तरह की हरकत न केवल निंदनीय है बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था और सामाजिक मान्यताओं के लिए शर्मिंदगी का कारण है। खासकर तब जब केंद्र और राज्य सरकार "मिशन शक्ति फेज-5" जैसी योजनाओं के तहत महिलाओं और छात्राओं के सम्मान और सुरक्षा को बढ़ावा दे रही हैं।
वीडियो वायरल होने के बाद क्षेत्र में भारी आक्रोश देखा गया। लोगों ने आरोपी शिक्षक सुनील साहनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों और अभिभावकों का कहना है कि ऐसे आचरण से छात्राओं की मानसिक और भावनात्मक सुरक्षा प्रभावित हो सकती है।
अब तक निचलौल ब्लॉक प्रशासन और संबंधित जागरूकता संस्थाओं की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। स्कूल और स्थानीय अधिकारियों की खामोशी ने लोगों में नाराजगी और असंतोष को और बढ़ा दिया है। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो को लेकर भी अधिकारी अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दे पाए हैं।
लोगों का कहना है कि शिक्षक का यह व्यवहार मिशन शक्ति जैसे जागरूकता अभियानों के उद्देश्य के लिए खतरा है। शिक्षा संस्थानों में छात्रों की सुरक्षा और सम्मान सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। अध्यापक जैसे आदर्श व्यक्तियों द्वारा अनुचित व्यवहार करना समाज में गलत संदेश पहुंचाता है और युवा वर्ग पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।
वीडियो वायरल होने के तुरंत बाद सोशल मीडिया और व्हाट्सएप ग्रुप्स में इसे लेकर भारी बहस हुई। लोग इस घटना को शिक्षा की गरिमा पर हमला और छात्राओं के साथ दुराचार की आशंका से जोड़ रहे हैं। कई लोगों ने मुख्यमंत्री और शिक्षा विभाग से कार्रवाई की मांग करते हुए कहा कि ऐसे अध्यापकों को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए और कानूनी कार्रवाई के तहत उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।
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एक स्थानीय सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा, "शिक्षक का यह आचरण पूरी शिक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़ा करता है। छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना स्कूल प्रशासन की जिम्मेदारी है। प्रशासनिक खामोशी को देखकर लगता है कि अधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया।"