

यूरिया की कमी से जूझना पड़ रहा है, वहीं तस्कर इस संकट का फायदा उठाकर कालाबाजारी में जुटे हैं। हाल ही में कोल्हुई थानाक्षेत्र में पुलिस ने एक पिकअप से 48 बोरी यूरिया बरामद की, जिसने तस्करी के इस गोरखधंधे को उजागर किया। इस घटना ने यूरिया वितरण व्यवस्था और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
खाद की दुकान का लाइसेंस सस्पेंड
Maharajganj: किसानों को यूरिया की कमी से जूझना पड़ रहा है, वहीं तस्कर इस संकट का फायदा उठाकर कालाबाजारी में जुटे हैं। हाल ही में कोल्हुई थानाक्षेत्र में पुलिस ने एक पिकअप से 48 बोरी यूरिया बरामद की, जिसने तस्करी के इस गोरखधंधे को उजागर किया। इस घटना ने यूरिया वितरण व्यवस्था और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं।
पुलिस की सतर्कता, पिकअप से यूरिया बरामद
कोल्हुई थानाक्षेत्र के परसौना पुलिया के पास पुलिस ने वाहन चेकिंग के दौरान एक पिकअप को रोका। सब-इंस्पेक्टर राजीव सिंह और उनकी टीम ने जब वाहन की तलाशी ली, तो उसमें 48 बोरी यूरिया बरामद हुआ। चालक से जब यूरिया के स्रोत और परिवहन के दस्तावेज मांगे गए, तो वह कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सका। पुलिस ने तुरंत वाहन को जब्त कर थाने ले आई। थानाध्यक्ष गौरव कन्नौजिया ने बताया कि बरामद यूरिया को आगे की कार्रवाई के लिए कस्टम विभाग, नौतनवा भेज दिया गया है।
किसानों की परेशानी, तस्करों की चांदी
यूरिया की कमी से किसान पहले ही परेशान हैं। लंबी कतारों और कालाबाजारी के कारण उन्हें जरूरी खाद समय पर नहीं मिल पा रहा। दूसरी ओर, तस्कर इस कमी का फायदा उठाकर यूरिया को ऊंचे दामों पर बेच रहे हैं। इस घटना ने सवाल उठाया है कि आखिर यूरिया की आपूर्ति और वितरण व्यवस्था में खामियां कहां हैं, जो तस्करों को खुली छूट दे रही हैं।
सिस्टम पर सवाल, क्या है समाधान?
यूरिया तस्करी की यह घटना कोई नई बात नहीं है। बार-बार ऐसी घटनाएं सामने आने से साफ है कि वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता और निगरानी की कमी है। विशेषज्ञों का मानना है कि डिजिटल ट्रैकिंग और सख्त निगरानी से इस समस्या पर काबू पाया जा सकता है। प्रशासन को चाहिए कि वह यूरिया की आपूर्ति को सुचारू करे और तस्करी पर कड़ी कार्रवाई करे, ताकि किसानों को समय पर खाद मिल सके।