Maharajganj News: दोस्त की जान बचाने के लिए शोएब ने गंवाई अपनी जिंदगी, नदी में लगा दी छलांग

नौतनवा और गोरखपुर के पांच दोस्त नेपाल की एक नदी में नहाने गए थे, जहां डूबने से एक की मौत हो गई। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 24 May 2025, 4:30 PM IST
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महराजगंज: नेपाल की एक नदी में गुरुवार को घटी एक दर्दनाक घटना ने दोस्ती, साहस और बलिदान की की नई मिसाल कायम कर दी है, जो लंबे समय तक लोगों के दिलों में जिंदा रहेगी। उत्तर प्रदेश के नौतनवा और गोरखपुर के पांच दोस्त उस दिन नेपाल की एक नदी में नहाने गए थे। इस दौरान गोरखपुर निवासी एक युवक गहरे पानी में फंस गया और डूबने लगा। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए नौतनवा के 17 वर्षीय शोएब अंसारी ने एक पल की भी देरी किए बिना नदी में छलांग लगा दी। उसने अपनी जान की परवाह किए बिना अपने दोस्त को सुरक्षित बचा लिया। लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था। दोस्त को बचाने के बाद शोएब खुद नदी की तेज धारा में बह गया और लापता हो गए।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, इस दुखद घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और लोगों ने शोएब की तलाश शुरू की। घंटों की मेहनत के बाद शुक्रवार दोपहर करीब 3 बजे उसका शव नदी से बरामद किया गया।

नेपाल से लाया गया पार्थिव शरीर

वहीं नेपाल में पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया पूरी होने के बाद शनिवार सुबह 9 बजे शोएब का पार्थिव शरीर भारत लाया गया। शोएब नौतनवा के वार्ड नंबर 2, नई बस्ती बिस्मिल नगर का निवासी था। शोएब के पिता का नाम जमशेद आलम है। इतनी कम उम्र में शोएब ने जो साहस और त्याग दिखाया, वह न केवल उसके परिवार, बल्कि पूरे नगर के लिए गर्व का विषय बन गया है।

वार्ड सभासद ने शोएब के जज्बे को किया सलाम

इतना ही वार्ड सभासद ने कहा कि शोएब ने अपने दोस्त की जान बचाने के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। ऐसी मिसालें विरले ही देखने को मिलती हैं। उन्होंने सच्ची दोस्ती और मानवता का अर्थ हम सबको सिखाया है। शोएब की इस घटना ने नौतनवा और आसपास के क्षेत्रों में लोगों के दिलों को झकझोर दिया है। हर कोई उनके बलिदान को सलाम कर रहा है।

शोएब के परिवार और दोस्तों के लिए यह नुकसान असहनीय है। उनके घर में मातम का माहौल है, लेकिन साथ ही गर्व भी है कि उनके बेटे ने इंसानियत और दोस्ती की खातिर अपनी जान न्योछावर कर दी। स्थानीय समुदाय ने शोएब को श्रद्धांजलि देने के लिए कई कार्यक्रम आयोजित किए हैं। लोग उनके साहस और बलिदान को याद करते हुए कह रहे हैं कि शोएब जैसे लोग समाज के लिए प्रेरणा हैं।

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