

शतचंडी महायज्ञ के दौरान रामलीला का फुलवारी मंचन देख श्रद्धालु हर्षित हो उठे। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
फरेंदा में रामलीला मंचन का आयोजन
महराजगंज: यूपी के फरेंदा तहसील क्षेत्र के ग्राम सभा कम्हरिया खुर्द में चल रहे शतचंडी महायज्ञ के अंतर्गत रामलीला मंचन का आयोजन आध्यात्मिक उत्साह और भक्ति के वातावरण में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम के दौरान रामलीला मंडल के कलाकारों द्वारा फुलवारी प्रसंग का सुंदर और भावपूर्ण मंचन किया गया, जिसे देखकर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, इस आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में वरिष्ठ अधिवक्ता अभिजीत सिंह उपस्थित रहे। उन्होंने वैदिक रीति-रिवाजों के साथ पूजा-अर्चना कर रामलीला कार्यक्रम का विधिवत शुभारंभ किया। अपने उद्बोधन में उन्होंने कहा कि भगवान राम का जीवन मर्यादा, सत्य, त्याग और कर्तव्य का प्रतीक है।
युवा पीढ़ी को लेकर क्या बोले?
मुख्य अतिथि ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी अगर भगवान राम के आदर्शों को आत्मसात कर ले तो समाज में नैतिक मूल्यों का दोबरा जागरण संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत की संस्कृति और परंपराएं अत्यंत समृद्ध हैं और इन्हें जीवित रखने के लिए ऐसे धार्मिक आयोजनों की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।
बता दें कि रामलीला मंचन के दौरान कलाकारों ने फुलवारी का प्रसंग अत्यंत सुंदरता से प्रस्तुत किया। इस दृश्य में दर्शाया गया कि सुबह पक्षियों की चहचहाहट सुनकर सबसे पहले लक्ष्मण उठते हैं और फिर श्रीराम को जागते हैं। दोनों भाई गुरु को प्रणाम कर पुष्प लाने के लिए बागीचे की ओर प्रस्थान करते हैं।
इसी दौरान, माता जानकी अपनी सखियों के साथ माता गिरिजा की पूजा के लिए उसी बागीचे में पहुंचती हैं। सखियों के साथ गीत गाती हुईं जानकी का श्रीराम से प्रथम मिलन अत्यंत मोहक रूप में मंचित किया गया। जानकी श्रीराम की सांवली सूरत देखकर मन ही मन मोहित हो जाती हैं और अपनी सखियों से उन्हें फिर देखने की इच्छा व्यक्त करती हैं। इस भावनात्मक क्षण को गीत-संगीत और अभिनय के माध्यम से इतने सुंदर रूप में प्रस्तुत किया गया कि दर्शकों की आंखें नम हो गईं।
दूर-दूर से आए श्रद्धालु
इस दौरान, स्थानीय ग्रामीणों सहित दूर-दूर से आए श्रद्धालुओं ने रामलीला का भरपूर आनंद लिया। मंचन के दौरान श्रोताओं ने करतल ध्वनि और जयघोष से कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। आयोजकों ने बताया कि शतचंडी महायज्ञ और रामलीला का आयोजन आगामी दिनों तक विभिन्न धार्मिक प्रसंगों के मंचन के साथ जारी रहेगा।