

एसटीएफ गैरकानूनी काम करने वाले अपराधियों के खिलाफ धरपकड़ अभियान चला रही है और उनके मंसूबों पर पानी फेर रही है।
नकली जीएसटी बिल बनाने वाले गिरोह के सदस्य
Lucknow: यूपी एसटीएफ ने फर्जी आईडी पर 100 से अधिक फर्मों की नकली इन वॉईस और ई-वे बिल तैयार कर जीएसटी चोरी कर सरकार को करोड़ों रूपये की चपत लगाने वाले अन्तर्राज्यीय गिरोह का खुलाशा किया है। एसटीएफ ने गिरोह के पांच सदस्यों को कर्नाटक से गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार अभियुक्तों की पहचान रतना राम पुत्र कालूराम निवासी गोलिया गरवा, थाना आजीटी नगर, ओमप्रकाश पुत्र मूलाराम नि० गोलियां गरवा, थाना आजीटी, नगर, हनुमान राम पुत्र मूला राम, निवासी गोलिया गरवा, थाना आरजीटी, बुद्धराम पुत्र मागीरथ, नि० डाबड, थाना गुडामलानी और सन्तोष कुमार पुत्र भागीरथ राम, नि० डाबड, थाना गुडा मलानी के रुप में हुई है।
डाइनामाइट न्यूज संवाददाता के अनुसार ये पांचों अभियुक्त जिला बाडमेर (राजस्थान) के निवासी है।
एसटीएफ ने अभियक्तों से 13 मोबाईल फोन, 1 प्रिंटर, 8 बिल बुक विभिन्न कम्पनियां, 4 रबड मोहर (विभिन्न कम्पनियों की, 1 नम्बरिंग मशीन, 4 बैंक बुक (विभिन्न कम्पनियों के नाम) 3 कारें बरामद की हैं।
एसटीएफ ने अभियुक्तों की गिरफ्तारी दिनाक 28 जून को शाम को म. नं. 173. तृतीय फ्लोर, कैपेगोडा नगर, तूंगनगर, थाना वायदराहल्ली जनपद बैगलौर सिटी, कर्नाटक से की।
जानकारी के अनुसार शिकायतकर्ता अश्वनी कुमार पुत्र श्री अशोक कुमार ग्राम-वडसू थाना खतौली, जनपद मुजफ्फरनगर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी कि कुछ लोगों नौकरी लगाने के नाम पर व्हाटसप के जरिये वादी से आधार कार्ड, पैन कार्ड, बिजली का बल आदि प्रमाण-पत्र मांगे और उसे लेकर उनके आधार पर वादी के नाम पर एक फर्जी फर्म ए०के०ट्रेडर्स रजि० कराकर लगभग 248 करोड़ के फर्जी बिल बनाकर धोखाधड़ी की और लगभग 45 करोड की जीएसटी चोरी की।
इस सम्बन्ध में थाना साइबर क्राइम जनपद मुजफ्फरनगर में संबंधित धाराओं में मामला दर्ज किया गया। जिसकी विवेचना अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था, उ०प्र० लखनऊ के द्वारा एस०टी०एफ०, उ०प्र० लखनऊ को स्थानान्तरित की गई।
विवेचनात्मक कार्यवाही के दौरान पुलिस को मुखबिर और सर्विलांस से सूचना मिली कि फर्जी कम्पनी बनाकर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह के कुछ सदस्य बैंगलौर कर्नाटक में रहकर कार्य कर रहे है। इस पर एसटीएफ की टीम को बैंगलौर कनार्टक के लिये रवाना किया गया।
वहां पर एसटीएफ टीम द्वारा स्थानीय पुलिस को साथ लेकर म०न० 173, तृतीय फ्लोर, कैपेगोडा नगर तूंगनगर, थाना वायदराहल्ली, जनपद बैगलौर सिटी में दबिश दी गई जिस पर जीएसटी चोरी करने वाले गिरोह के 5 सदस्यों को गिरफतार किया गया।
पुलिस की पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि वह सभी लोग राजस्थान के रहने वाले हैं और एक दूसरे के आपस में परिचित / रिश्तेदार हैं और यहां पर किराये के मकान में रह रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वे अपने परिचित लाभूराम पुत्र फगलूराम नि० कोटडा थाना करडा, जिला जालोट (राजस्थान) व सुरेश नि० बाडमेर (राजस्थान) जो कि सीधे सादे लोगों से नौकरी लगवाने का लालच देकर उनसे उनके आधार कार्ड, पैनकार्ड आदि लेकर व किसी फर्जी आई०डी० पर सिम निकलवाकर उनके नाम पर जीएसटी पोर्टल पर ऑनलाईन फर्जी फर्म रजिस्टर्ड करते हैं।
इसके बाद वे इसका इस्तेमाल फर्जी ई-वे बिल बनाकर लाखों करोडों रूपये की जीएसटी चोरी करते हैं, इनके बुलाने पर यह लोग राजस्थान से यहां आकर रह रहे हैं और उनके लिए पिछले लगभग दो साल से उनके बताये अनुसार फर्जी जीएसटी बिल ई-वे बिल काटने का काम करते हैं।
जिसके लिए लाभूराम व सुरेश उपरोक्त ने इन्हे इनसे बरामद मोबाईल फोन व इनमे लगे फर्जी आई०डी० के सिम तथा प्रिन्टर, चैक बुक, बिल बुक स्वर मोहरे स्टाप आदि विभिन्न कम्पनियों को उपलब्ध कराते हैं। जीएसटी बिल काटने की एवज में यह लोग इन्हे प्रति बिल तीन हजार रूपये देते हैं
किस कम्पनी के नाम पर कितने का बिल काटना है, इसकी डिटेल ये लोग इन्हें बताते हैं तथा जिस कम्पनी के नाम पर बिल काटना है, उस कम्पनी से सुरेश व लाभूराम द्वारा अपनी बनाई गई फर्जी फर्म के बैंक खातों में पैसे लिये जाते हैं।
उन्होंने बताया कि वे अपना 10 से 20 प्रतिशत कमीशन काटकर पैसा कम्पनी द्वारा बताये गये किसी अन्य खाते में या कैश द्वारा कम्पनी को वापस कर देते है और बनाई गई फर्जी फर्म को कुछ समय बाद बिना जीएसटी जमा किये बन्द कर देते है।
इस तरह यह लोग जीएसटी की चोरी कर भारत सरकार को करोड़ों रूपये का नुकसान पहुंचा चुके है।
पुलिस ने बताया कि उक्त अभियुक्तों को बंगलौर कनार्टक से ट्रॉजिट रिमाण्ड प्राप्त कर जनपद मुजफ्फरनगर लाया गया है, जिन्हें समय से मा० न्यायालय के समक्ष पेश किया जाएगा। पुलिस आगे की कार्रवाई में जुटी है।