

बदायूं के मंडी समिति के पास स्थित शराब की दुकान गांधी जयंती के सरकारी अवकाश के बावजूद खुली पायी गयी; आबकारी अधिकारी फोन नहीं उठाते रहे जबकि थाना सिविल लाइंस इंचार्ज ने मौके पर जाकर कार्रवाई का आश्वासन दिया।
बदायूं में गांधी जयंती पर भी शराब दुकान खुली
Badaun: जिले में गांधी जयंती के सरकारी अवकाश के दिन भी शराब की दुकानें खुली रहीं और ग्राहकों को खुलेआम शराब बेचते देखा गया। सोमवार (2 अक्टूबर) को थाना सिविल लाइंस क्षेत्र के मंडी समिति के दूसरे गेट के पास स्थित शराब दुकान पर लोगों की भीड़ और खुलकर शराब बिकते हुए स्थानीय लोगों ने तस्वीरें और शिकायतें दर्ज कराई। हादसा नहीं, बल्कि सालों से चल रही अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही का प्रदर्शन है, जिससे शराब माफियाओं में न तो थर्राहट है और न ही अधिकारियों का भय।
आबकारी अधिकारी का कोई जवाब नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि कई बार नियमों की धज्जियाँ उड़ती रही हैं, परंतु इस बार बात गांधी जयंती जैसी संवेदनशील तिथि पर दुकान खुलने की है। “सोशल मीडिया पर भी दुकान खुले होने की जानकारी वायरल हुई, लेकिन संबंधित विभाग की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आयी,” एक स्थानीय व्यापारी ने कहा। खबर की पुष्टि हेतु जब जिला आबकारी अधिकारी को कई बार फोन करके सूचना देने का प्रयास किया गया, तो कॉल का कोई जवाब नहीं मिला। इस निष्क्रियता ने लोगों में रोष बढ़ा दिया है।
बदायूं में शराब माफियाओं के हौसले बुलंद, गांधी जयंती पर भी नहीं रुकी बिक्री, प्रशासन पर सवाल@budaunpolice pic.twitter.com/qOVnZaNtCr
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) October 2, 2025
पुलिस ने कहा- एक्शन लेंगे
मंडी चौकी इंचार्ज एवं थाना सिविल लाइंस के पुलिसकर्मी नीरज कुमार ने बताया कि इस प्रकार की शिकायतें मिलने पर पुलिस कार्रवाई करती है, परन्तु इस मामले की उन्हें आधिकारिक सूचना नहीं मिली थी। नीरज कुमार ने कहा, “अगर दुकान खुली हुई है तो मैं मौके पर जाकर स्थिति देखता हूँ और तदनुसार कार्रवाई कराऊँगा।” हालांकि उनकी यह प्रतिक्रिया स्थानीय लोगों की आशंकाओं को पूरी तरह शांत करने के लिए पर्याप्त नहीं मानी जा रही।
पहले भी नियमों को नज़रअंदाज़ किया गया
गौरतलब है कि जिले में शराब की दुकानों के नियमन और अवकाशों पर बंद रखने के निर्देश स्थानीय प्रशासन तथा आबकारी विभाग द्वारा जारी किए जाते हैं। परन्तु जमीन पर नियम लागू कराने में अक्सर खामियाँ दिखती हैं। दुकानदारों का कहना है कि कुछ इलाकों में नियम नज़रअंदाज़ करके रात-दिन शराब की बिक्री होती रही है और यह स्थिति तब और भयावह हो जाती है जब जिम्मेदार अधिकारी उपलब्ध नहीं होते या शिकायतों पर कार्रवाई में देरी करते हैं।
लोगों का सवाल, कौन देगा जवाब?
वहीं आबकारी विभाग की चुप्पी और फोन न उठाने की बात पर कई सवाल उठ रहे हैं। लोग पूछ रहे हैं कि क्या अधिकारियों की लापरवाही के कारण क्षेत्र में अवैध गतिविधियाँ बढ़ रही हैं और क्या औपचारिक शिकायतों पर कार्रवाई निष्पक्ष रूप से होगी। स्थानीय प्रशासन से अपेक्षा है कि जल्द सर्वे कर दुकानों की स्थिति स्पष्ट की जाए और नियमों के उल्लंघन पर कठोर कार्रवाई दिखाकर लोगों का विश्वास बहाल किया जाए।