

यूपी के वाराणसी जनपद में एक तेंदुए का आतंक पिछले चार दिनों से बना हुआ है। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर
वाराणसी: चिरईगांव क्षेत्र में एक तेंदुए का आतंक पिछले चार दिनों से बना हुआ है, जिससे करीब 20 हजार ग्रामीण भय के साये में जीने को मजबूर हैं। यह तेंदुआ लगभग तीन साल का बताया जा रहा है, जो बिहार से चंदौली होते हुए नदी के रास्ते वाराणसी पहुंचा है। वन विभाग के मुताबिक अब तक यह तेंदुआ किसी कैमरे में कैद नहीं हुआ है, लेकिन उसके पैरों के निशानों के आधार पर उसे ढूंढने की कोशिशें जारी हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, प्रभागीय वनाधिकारी स्वाति श्रीवास्तव ने बताया कि ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए वन पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। पूरे क्षेत्र को जाल से घेर दिया गया है और एक पिंजड़ा भी लगाया गया है ताकि तेंदुए को सुरक्षित पकड़ा जा सके। उन्होंने बताया कि वाराणसी में इससे पहले 2009 में तेंदुए की मौजूदगी देखी गई थी, लेकिन तब की स्थिति की तुलना में इस बार ज्यादा व्यापक तैयारी की गई है।
चिरईगांव समेत गौराकला, रुस्तमपुर, बरियासनपुर और संदहा सहित 12 से अधिक गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। अब तक तेंदुआ नजर नहीं आया है, लेकिन ग्रामीणों में डर बना हुआ है। तेंदुए ने अब तक तीन गांवों में तीन ग्रामीणों पर हमला कर उन्हें घायल कर दिया है।
ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए सर्च ऑपरेशन जारी
इस डर का सीधा असर ग्रामीण जीवन पर पड़ा है। किसान और मजदूर खेतों में नहीं जा रहे, जिससे फसलें बर्बाद हो रही हैं। बच्चे कोचिंग नहीं जा पा रहे और खेल मैदान सूने पड़े हैं। सब्जी बेचने वाले भी अपने काम से पीछे हट गए हैं। ग्रामीण अपने पशुओं को घरों में बांधकर रख रहे हैं और खेतों में समूह में जाकर लाठी-डंडों से पहरा दे रहे हैं।
वाराणसी में तेंदुए का आतंक (फोटो सोर्स- इटरनेट)
वन विभाग ने तेंदुए की लोकेशन जानने के लिए ट्रैप कैमरे लगाए हैं और तीन शिफ्टों में 50 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं।
हालांकि तेंदुआ अब तक नजर नहीं आया है, लेकिन डर और दहशत का माहौल अब भी कायम है। वन विभाग और पुलिस की संयुक्त टीम लगातार निगरानी और रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई है। ग्रामीणों से अपील की गई है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना दें।