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कोल्हुई क्षेत्र में नेपाल सीमा से सटे गांवों में खाद की तस्करी खुलेआम जारी है। तस्कर हर सुबह बाइक से बोरी-बोरी खाद नेपाल ले जा रहे हैं, जबकि पुलिस मूकदर्शक बनी हुई है। किसानों को रबी फसल के समय खाद की किल्लत झेलनी पड़ रही है। इस तस्करी से जहां तस्कर मोटा मुनाफा कमा रहे हैं।
कोल्हुई में खाद की तस्करी
Maharajganj: महराजगंज जिले के कोल्हुई थाना क्षेत्र में खाद की तस्करी इन दिनों चरम पर है। नेपाल सीमा से सटे गांवों में यह अवैध कारोबार इतना संगठित हो चुका है कि तस्कर खुलेआम बाइक पर खाद की बोरियां लादकर नेपाल की ओर निकल जाते हैं। वहीं, पुलिस प्रशासन इस पूरे घटनाक्रम पर चुप्पी साधे बैठा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, स्थानीय किसानों का कहना है कि वे खाद के लिए घंटों सरकारी गोदामों के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें खाद नहीं मिल रही। दूसरी ओर, तस्करों की मोटरसाइकिलें हर सुबह खाद से लदी बॉर्डर की ओर रवाना हो जाती हैं।
हर सुबह कोल्हुई कस्बे का नजारा किसी फिल्मी दृश्य से कम नहीं होता। एक के बाद एक दर्जनों बाइकें तीन-तीन बोरी खाद से लदी हुई नेपाल की ओर जाती दिखती हैं। ग्रामीणों के मुताबिक, ये तस्कर पहले भारतीय सीमा के भीतर खाद जमा करते हैं और फिर मौके देखकर उसे नेपाल पहुंचाते हैं।
भारत में एक बोरी खाद जहां 600 से 700 रुपये में मिलती है, वहीं नेपाल में वही बोरी 1500 से 2000 रुपये में आसानी से बिक जाती है। यही भारी मुनाफा तस्करी के इस नेटवर्क को मजबूत बना रहा है।
कोल्हुई थाना क्षेत्र में पुलिस की निष्क्रियता ने तस्करों के हौसले बुलंद कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का आरोप है कि पुलिस गश्त नाममात्र की है। कई बार तस्करों को रोकने की शिकायतें की गईं, लेकिन कार्रवाई शून्य रही। कुछ ग्रामीणों का यह भी कहना है कि कुछ स्थानीय स्तर पर मिलीभगत के कारण यह अवैध व्यापार फल-फूल रहा है। परिणामस्वरूप, सीमा पर सुरक्षा और प्रशासनिक साख दोनों पर सवाल उठ रहे हैं।
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इस तस्करी का सीधा नुकसान किसानों को हो रहा है। रबी फसल की तैयारी के समय खाद की कमी से कृषि उत्पादन पर असर पड़ रहा है। सरकारी गोदामों में सप्लाई सीमित है, जबकि काला बाजार तेजी से फैल रहा है। किसान मजबूरी में महंगी दरों पर खाद खरीदने को विवश हैं। वहीं, तस्कर एक रात में हजारों से लाखों रुपये तक कमा रहे हैं।
खाद की यह तस्करी न केवल किसानों के जीवन को प्रभावित कर रही है, बल्कि देश की सीमा सुरक्षा और अर्थव्यवस्था पर भी खतरा पैदा कर रही है। ग्रामीणों की मांग है कि पुलिस प्रशासन तत्काल कड़े कदम उठाए, सीमाई इलाकों में गश्त बढ़ाए और तस्करी में शामिल गिरोहों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करे। जब तक प्रशासन सक्रिय नहीं होता, तब तक कोल्हुई में यह “खाद का काला कारोबार” किसानों की जिंदगी और देश की सीमाओं दोनों को कमजोर करता रहेगा।