Kanpur Bikru Kand: कानपुर के चर्चित बिकरू कांड के एक आरोपी को मिली जमानत, विकास दुबे के साथ था ये रिश्ता

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का सबसे बहुचर्चित मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। वजह है बिकरू कांड का आरोपी जयकांत बाजपेई। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट

Post Published By: Poonam Rajput
Updated : 2 June 2025, 7:30 PM IST
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कानपुर: उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले का सबसे बहुचर्चित मामला फिर से सुर्खियों में आ गया है। वजह है बिकरू कांड का आरोपी जयकांत बाजपेई। बता दें कि, कानपुर के चर्चित बिकरू कांड के आरोपी जयकांत बाजपेई को कोर्ट से जमानत मिल गई है।

कौन है जयकांत बाजपेई?

जयकांत बाजपेई गैंगस्टर विकास दुबे का करीबी सहयोगी था और उनके खजांची के तौर पर काम करता था।

Jaikant Bajpai, accused in Kanpur's famous Bikaru case

कानपुर के चर्चित बिकरू कांड के आरोपी जयकांत बाजपेई

क्या है बिकरू कांड का पूरा मामला

बिकरू कांड का यह मामला 3 जुलाई 2020 का है, जिसे उत्तर प्रदेश के इतिहास में एक भयावह अपराध के रूप में याद किया जाता है, जब गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने पुलिसकर्मियों पर हमला किया था।

आठ पुलिसकर्मी गंवा बैठे थे जान

बिकरू कांड में आठ पुलिसकर्मी अपनी जान गंवा बैठे थे, जब विकास दुबे और उसके गैंग ने ताबड़तोड़ फायरिंग की थी। उस दौरान पुलिस एक छापेमारी के लिए बिकरू गांव पहुंची थी, जहां विकास दुबे छिपा हुआ था। पुलिस पर हुई इस घातक हमले ने पूरे राज्य को हिला कर रख दिया था। इसके बाद विकास दुबे फरार हो गया था, और उसे पकड़ने के लिए यूपी पुलिस ने कई दिनों तक व्यापक ऑपरेशन चलाया था। जिसके बाद 10 जुलाई 2020 को मध्य प्रदेश के उज्जैन में विकास दुबे को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन उसी दिन पुलिस एनकाउंटर में वह ढेर हो गया।

बिकरू कांड की यादें ताजा

अब जयकांत बाजपेयी को जमानत दिए जाने के फैसले ने एक बार फिर बिकरू कांड की यादें ताजा कर दी हैं। बाजपेयी पर विकास दुबे के लिए वित्तीय लेनदेन और आपराधिक गतिविधियों का प्रबंधन करने का आरोप था। उसे जमानत देते हुए कोर्ट ने कहा कि सभी जरूरी दस्तावेजों और गवाहों की जांच के बाद उसकी जमानत मंजूर की गई है। हालांकि मामले में आगे की जांच और कानूनी प्रक्रिया जारी रहेगी।

इस मामले से जुड़ी एक और अहम बात यह है कि बिकरू कांड ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर सवाल खड़े किए थे और राज्य में पुलिस सुधार की मांग को बढ़ावा दिया था। वहीं, इस घटना के बाद विकास दुबे के गिरोह और उसके राजनीतिक कनेक्शन को लेकर कई बड़े खुलासे हुए थे, जिनकी जांच अभी भी जारी है।

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