Jaunpur Triple Murder: पुरानी रंजिश में तीन की हत्या, आखिर इतनी बड़ी वारदात के लिए जिम्मेदार कौन?

जौनपुर ट्रिपल मर्डर कांड में थाना प्रभारी समेत तीन पुलिसकर्मी निलंबित कर दिए गए हैं, लेकिन इस केस में सुरक्षा व्यवस्था पर कई सवाल उठ रहे हैं। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी खबर

Post Published By: सौम्या सिंह
Updated : 27 May 2025, 10:04 AM IST
google-preferred

जौनपुर: जिले के जफराबाद थाना क्षेत्र में घटित ट्रिपल मर्डर की वारदात ने जिले ही नहीं, पूरे प्रदेश को झकझोर कर रख दिया है। मोहम्मदपुर कांध निवासी लालजी, और उनके दो बेटे- यादवीर व गुड्डू की बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह हत्या किसी मामूली रंजिश या लूटपाट का नतीजा नहीं लगती, बल्कि गहरे षड्यंत्र और पुलिस की लापरवाही की ओर इशारा करती है। सबसे बड़ा सवाल यही उठता है कि आखिर इतनी बड़ी घटना होने दी गई, इसका जिम्मेदार कौन है?

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, घटना रविवार देर रात की है, जब लालजी अपनी दुकान 'लालजी वेल्डिंग वर्कशॉप' पर अधिक काम होने के कारण अपने बेटों के साथ रुके थे। सोमवार सुबह उनका खून से लथपथ शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि तीनों की हत्या हथौड़े या किसी भारी वस्तु से सिर पर वार कर की गई।

 ट्रिपल मर्डर ने खोली सुरक्षा व्यवस्था की पोल

अब तक इस मामले की गंभीरता को देखते हुए जफराबाद थाना प्रभारी जय प्रकाश यादव, बीट प्रभारी धनुर्धारी पाण्डेय और आरक्षी रामदयाल सिंह को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है। वजह साफ है - बीट बुक और हत्या रोकथाम रजिस्टर में किसी प्रकार की रंजिश या आपसी विवाद का कोई उल्लेख नहीं किया गया था, जो सीधे तौर पर पुलिस की लापरवाही को दर्शाता है।

Jaunpur Triple Murder

घटना स्थल पर पुलिस व ग्रामीणों की भीड़

नृशंस हत्या से दहला जिला, पुलिस पर उठे सवाल

पुलिस ने इस मामले में लालजी की पुरानी रंजिश को ध्यान में रखते हुए पलटू नागर, उसके बेटे गोलू और दामाद नागमणि के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पलटू नागर और नागमणि को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि गोलू अभी भी फरार है। उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस टीम लगाई गई है और ₹25,000 का इनाम भी घोषित किया गया है।

Jaunpur Triple Murder

मृतक के घर परिजनों की भीड़

घटना के बाद बीते कल यानी सोमवार को मृतकों के परिजनों और स्थानीय लोगों ने आक्रोश में बाईपास पर चक्काजाम कर दिया था। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने स्थिति को संभालते हुए निष्पक्ष जांच और कठोर कार्यवाही का आश्वासन दिया था। मृतक लालजी के पुत्र जिलाजीत, जो इस समय जिला कारागार में बंद है, उसे 24 घंटे की पैरोल पर बाहर लाकर विधिसम्मत तरीके से मुखाग्नि दिलवाई गई।

यह मामला सिर्फ हत्या का नहीं, बल्कि प्रशासनिक लापरवाही का भी है। जिन अधिकारियों का काम था संभावित अपराधों को रोकना, वे असफल साबित हुए। स्थानीय बीट पुलिस को क्षेत्र में किसी भी आपसी रंजिश की जानकारी होनी चाहिए थी, ताकि समय रहते कोई कदम उठाया जा सके।

यह वारदात प्रशासन पर सवाल खड़ा करती है कि जमीनी स्तर पर सुरक्षा व्यवस्था में सुधार क्यों नही? ऐसी ही लापरवाही रही तो फिर वही सवाल उठेगा कि आखिर जिम्मेदार कौन?

Location : 

Published :