

यूपी के जौनपुर जनपद से बड़ी खबर सामने आ रही है, जनार्दन सिंह हत्याकांड में करीब 24 साल बाद न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है।
भाजपा नेता विजय विद्यार्थी को उम्रकैद की सजा
Jaunpur: जनार्दन सिंह हत्याकांड में करीब 24 साल बाद आखिरकार न्यायालय ने बड़ा फैसला सुनाया है। अपर सत्र न्यायाधीश द्वितीय रणजीत कुमार की अदालत ने भाजपा नेता विजय सिंह विद्यार्थी और प्रमोद सिंह को हत्या के जुर्म में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास और 25-25 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई है। यह सजा मंगलवार को सुनाई गई, जबकि सोमवार को कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया था।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, यह मामला सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के इटौरी बाजार का है, जहां 3 अक्टूबर 2000 को किसान जनार्दन सिंह की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड में इससे पहले एक अन्य आरोपी अजय कुमार सिंह को भी कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुना दी थी।
वादी पक्ष के अनुसार, घटना से चार दिन पहले जनार्दन सिंह के भतीजे देवेंद्र कुमार सिंह को सोनिकपुर निवासी अजय कुमार सिंह ने धमकी दी थी कि यदि उसके परिवार ने किसी मामले में हस्तक्षेप किया, तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके बाद गांव में पंचायत बुलाई गई, जिसकी जानकारी भाजपा नेता विजय विद्यार्थी और उनके भाई अजय को लगी, जिससे वे नाराज हो गए।
राजनीतिक पहुंच भी नहीं बचा सकी भाजपा नेता विजय विद्यार्थी को
घटना वाले दिन, शाम करीब 4:30 बजे जनार्दन सिंह अपने भतीजे देवेंद्र के साथ इटौरी बाजार से लौट रहे थे। तभी दो मोटरसाइकिलों से आए अजय, विजय और प्रमोद ने उन्हें रास्ते में रोक लिया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विजय और प्रमोद ने जनार्दन को पकड़कर ललकारा और अजय ने पास से गोली चला दी। गोली लगने से जनार्दन मौके पर ही गिर पड़े और कुछ ही समय में उनकी मौत हो गई।
जब वादी और बाजार के लोग आरोपियों को पकड़ने दौड़े, तो उन्होंने खुलेआम धमकी दी कि जो भी पास आएगा, उसे भी गोली मार देंगे। इसके बाद तीनों आरोपी एक ही मोटरसाइकिल से भाग निकले, जबकि दूसरी बाइक मौके पर ही छूट गई थी।
घटना की सूचना मिलते ही पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच शुरू की और केस डायरी कोर्ट में दाखिल की। सरकारी वकील अरुण कुमार ने अभियोजन पक्ष की ओर से ठोस पैरवी करते हुए गवाहों को पेश किया और तथ्यों के आधार पर आरोपियों को दोषी सिद्ध किया। कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद विजय विद्यार्थी और प्रमोद सिंह को हत्या का दोषी ठहराया।
इस सजा से पीड़ित परिवार ने संतोष जताया है और इसे न्याय की जीत बताया है।