

जालौन शहर के बीचों-बीच बहने वाला मुख्य नाला से संचारी रोगों का खतरा बढ़ता जा रहा है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
मुख्य मार्ग से निकला पालिका का नाला
जालौन: गर्मी के मौसम में संचारी रोगों की रोकथाम के लिए पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग के माध्यम से एक माह का विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान शुरू किया गया है। इस अभियान का उद्देश्य गर्मी और बारिश के मौसम में फैलने वाली बीमारियों पर अंकुश लगाना है। हालांकि, जालौन जिले के उरई में नगर पालिका परिषद की लापरवाही इस अभियान को पलीता लगाने का काम कर रही है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शहर के बीचों-बीच बहने वाला मुख्य नाला गंदगी से अटा पड़ा है, जिससे संचारी रोगों का खतरा दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि नाला सफाई के लिए आवंटित बजट का दुरुपयोग हो रहा है और नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी (ईओ) और सफाई निरीक्षक इस गंदगी को नजरअंदाज कर धन की बंदरबांट में लगे हैं।
कचरे और मलबे से भरा है नाला
दरअसल, यह नाला तुलसीनगर बरफ फैक्ट्री से शुरू होकर गोपालगंज, मुख्य राजमार्ग, आनंद स्वरूप यादव के मकान के पास से होते हुए यादव गार्मेंट के पीछे से गुजरता है और तिलकनगर में जाकर समाप्त होता है। यह नाला शहर की जल निकासी का प्रमुख साधन है, लेकिन वर्तमान में यह गंदगी, कचरे और मलबे से पूरी तरह भरा हुआ है। भीषण गर्मी में नाले से उठने वाली दुर्गंध ने आसपास के दुकानदारों और शरहवासियों का जीना मुहाल कर दिया है।
स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि नाले की बदबू और गंदगी के कारण ग्राहकों का आना-जाना कम हो गया है, जिससे उनका व्यवसाय भी प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा, नाले में जमा गंदा पानी मच्छरों और अन्य कीटों के प्रजनन का कारण बन रहा है, जो डेंगू, मलेरिया और अन्य संचारी रोगों को बढ़ावा दे रहा है।
नगर पालिका को बारिश से पहले नालों की सफाई के लिए विशेष बजट प्रदान किया जाता है, ताकि जलभराव और बीमारियों की रोकथाम की जा सके। लेकिन उरई में यह बजट कागजों पर ही खर्च हो रहा है। स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि पालिका के जिम्मेदार अधिकारी इस बजट का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं और नाले की सफाई पर कोई ध्यान नहीं दे रहे। नाले के आसपास रहने वाले लोगों और दुकानदारों ने जिला प्रशासन से तत्काल कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने मांग की है कि नाले की सफाई जल्द से जल्द शुरू की जाए, ताकि गर्मी और बारिश के मौसम में बीमारियों के फैलने का खतरा कम हो सके।