

यूपी के रायबरेली जनपद से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां कुछ अधिकारी विकास कार्यों के लिए आए धन का दुरुपयोग कर रहे हैं। पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की ये रिपोर्ट
विरोध करते हुए ग्रामीण (सोर्स- रिपोर्टर)
रायबरेली: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लाख प्रयास कर रहे है कि प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति के तहत विकास कार्यों को लेकर धन आवंटित हो। लेकिन राज्य में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। बता दें कि विकास कार्यों के चलते राज्य में भष्ट्राचर हो रहा है। अगर हम धरातल पर जाकर देखें तो तस्वीरें कुछ और ही बयां करती नजर आएगी।
सरकारी धन का हुआ बंदर बाट
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, ताजा मामला रायबरेली के सरेनी विधानसभा के गहरौली ग्राम सभा का है। जहां पर सरकारी धन का जमकर बंदर बांट हो रहा है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से लेकर मुख्य विकास अधिकारी तक सभी को इसको लेकर अवगत कराया। लेकिन तब भी प्रधान व सेक्रेटरी के द्वारा बिना कार्य कराए विकास कार्यों के लिए आए धन का जमकर दुरपयोग हुआ।
DPRO ने की मामले की जांच
इन सब के बाद ग्रामीणों ने DPRO को शिकायत की और पूरा मामला बताया, जिसके बाद ग्राम सभा पहुंचे DPRO ने भी जमीनी हकीकत जानी। ग्रामीणों ने सारी समस्याओं से उनको अवगत कराया। निरीक्षण के दौरान ना तो ग्राम प्रधान मौजूद रहे और ना ही सेक्रेटरी।
मामले पर मुख्य विकास अधिकारी का बयान
जब डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता ने मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय से इस बारे में पूछा तो उन्होंने कहा कि सरेनी विधानसभा के गहरौली ग्राम से शिकायत आई थी कि सरकारी स्कीम के अंदर घोटाला हो रहा है। शिकायत आने के बाद जनपद के कुछ अधिकारी जांच के लिए गए हैं और जांच पूरी भी हो चुकी है। रिपोर्ट आने के बाद नियम अनुसार कार्रवाई होगी।
पाइपलाइन बिछाने के नाम पर निकाला गया धन
अब सवाल यह उठता है कि मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत होने के बावजूद अभी तक कार्रवाई लंबित है और स्वास्थ्य केंद्र का अता पता नहीं है। लेकिन स्वास्थ्य केंद्र तक पाइपलाइन बिछाने के नाम पर धन निकाल लिया गया। रिबोर के नाम पर धन का बंदर बांट हुआ। ग्रामीणों ने फिलहाल इस पूरे मामले पर मुख्य विकास अधिकारी अर्पित उपाध्याय की जांच पूरी हो चुकी है। जल्द कार्यवाही की जायेगी। अब देखना होगा कि अधिकारी क्या कदम उठाते हैं और कब तक उठाती है।