

मैनपुरी के गोमती क्लीनिक में एक झोलाछाप डॉक्टर को इलाज से दो वर्षीय मासूम की मौत हो गई। आरोप है कि डॉक्टर ने गलत वैक्सीन लगाकर बच्चे की जान ले ली और बाद में शव के एवज में सौदेबाजी भी की। मामले में स्वास्थ्य विभाग की चुप्पी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
झोलाछाप डॉक्टर ने ली फिर एक जान
Mainpuri: जिले में चिकित्सा के नाम पर चल रहे घिनौने खेल का पर्दाफाश उस वक्त हुआ जब 2 वर्षीय मासूम रुद्र प्रताप सिंह की झोलाछाप डॉक्टर की लापरवाही के चलते मौत हो गई। पीड़ित पिता उपेंद्र प्रताप सिंह, जो दन्नाहार थाना क्षेत्र के ग्राम कपूरपुर के निवासी हैं, अपने बेटे को बुखार की शिकायत पर गोमती क्लीनिक में डॉक्टर राकेश गुप्ता को दिखाने लेकर गए।
यह क्लीनिक मैनपुरी शहर के आगरा रोड चौकी के पास स्थित है, और यहां बिना किसी रजिस्ट्रेशन के बीएमएस डिग्रीधारी राकेश गुप्ता खुलेआम एलोपैथिक इलाज कर रहा है। डॉक्टर ने मासूम को गलत वैक्सीन लगा दी, जिससे बच्चे के शरीर पर बड़े-बड़े फफोले पड़ने लगे और उसकी हालत गंभीर होती चली गई।
बच्चे की हालत बिगड़ती देख डॉक्टर ने गैर-जिम्मेदाराना तरीके से इसे "खसरा" बताकर जिला अस्पताल में जांच कराने की सलाह दी। परिजन जब जिला अस्पताल पहुंचे, तो वहां से डॉक्टरों ने बच्चे को तुरंत सैफई मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया। जांच में यह सामने आया कि बच्चे की हालत गलत वैक्सीन के कारण खराब हुई थी। इलाज के लिए परिजन उसे आगरा भी ले गए, लेकिन तब तक हालत इतनी बिगड़ चुकी थी कि कोई भी डॉक्टर इलाज के लिए तैयार नहीं हुआ।
झोलाछाप डॉक्टर ने ली फिर एक जान
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि डॉ. राकेश गुप्ता के क्लीनिक का कोई स्वास्थ्य विभागीय रजिस्ट्रेशन नहीं है। फिर भी वह वर्षों से एलोपैथिक दवाएं लिख रहा है, क्लीनिक में मेडिकल स्टोर भी चल रहा है और खुलेआम दवाइयों की बिक्री हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सफेदपोश नेताओं और प्रशासनिक अधिकारियों के संरक्षण में ये फर्जी डॉक्टर कानून से ऊपर बन चुके हैं।
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सबसे शर्मनाक पहलू यह रहा कि मासूम की मौत के बाद डॉक्टर ने कथित रूप से ‘लाश का सौदा’ किया। आरोप है कि डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कुछ स्थानीय प्रभावशाली लोगों की मदद से परिजनों पर दबाव बनाया और पैसों का लेन-देन कर मामला रफा-दफा करने की कोशिश की। परिजनों का आरोप है कि जब उन्होंने न्याय की मांग की तो उन्हें धमकाया गया और चुप कराने की कोशिश की गई।
मासूम की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने शव को जिला अस्पताल में रखकर जमकर हंगामा किया। उन्होंने मांग की कि आरोपी डॉक्टर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर उसे गिरफ्तार किया जाए।