

गोरखपुर के बड़हलगंज में शनिवार की सुबह एक ऐसी त्रासदी ने दस्तक दी, जिसने न सिर्फ सिधुआपार गांव को बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोरखपुर : गोरखपुर के बड़हलगंज में शनिवार की सुबह एक ऐसी त्रासदी ने दस्तक दी, जिसने न सिर्फ सिधुआपार गांव को बल्कि पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया। गोरखपुर-वाराणसी नेशनल हाइवे पर एक तेज रफ्तार कार और अपाचे बाइक की टक्कर ने चार दोस्तों की जिंदगी छीन ली। यह हादसा इतना भयावह था कि बाइक और कार के परखच्चे उड़ गए, और सड़क पर बिखरे मलबे के बीच बिछ गईं चार परिवारों की उम्मीदें।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार सुनील कुमार (पुत्र राधे), प्रदुम्न कुमार, अरविंद कुमार (पुत्र हरिश्चंद्र), और राहुल कुमार (पुत्र करन) - ये चारों दोस्त सिधुआपार गांव के गरथौली टोले के रहने वाले थे। शनिवार सुबह करीब 9:30 बजे, ये चारों एक ही अपाचे बाइक पर सवार होकर फोरलेन के रास्ते अपने घर लौट रहे थे। हंसी-मजाक और सपनों भरी बातों के बीच उनकी जिंदगी उस मोड़ पर पहुंची, जहां से कोई वापसी नहीं थी। जैसे ही बाइक हाइवे पार कर सिधुआपार की ओर मुड़ी, गोरखपुर की तरफ से आ रही एक तेज रफ्तार ग्रैंड विटारा कार ने सामने से जोरदार टक्कर मार दी।टक्कर के बाद मातम, तीन की मौके पर मौत हो गई । टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि बाइक के टुकड़े-टुकड़े हो गए। सुनील, प्रदुम्न, और अरविंद की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि राहुल जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहा था। स्थानीय लोगों ने तुरंत उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचाया, लेकिन डॉक्टरों ने तीन दोस्तों को मृत घोषित कर दिया। राहुल को गंभीर हालत में प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।
इस हादसे ने सिधुआपार गांव में मातम पसार दिया। सबसे मार्मिक कहानी अरविंद की है, जो महज एक हफ्ते पहले ही बैंकॉक से लौटा था। परिवार में खुशी का माहौल था, लेकिन किसे पता था कि यह खुशी इतनी अल्पकालिक होगी। अरविंद के घर में अब सन्नाटा पसरा है, और उसकी मां की आंखों से आंसुओं का सैलाब थमने का नाम नहीं ले रहा। चारों दोस्तों के परिवारों में कोहराम मचा है, और गांव में हर तरफ बस एक ही सवाल गूंज रहा है - "ऐसा क्यों हुआ?
यह हादसा न केवल एक व्यक्तिगत त्रासदी है, बल्कि सड़क सुरक्षा पर भी सवाल उठाता है। एक ही बाइक पर चार लोगों का सवार होना और तेज रफ्तार कार का बेकाबू होना - ये दोनों ही कारण इस हादसे की वजह बने। ग्रामीणों का कहना है कि हाइवे पर अक्सर तेज रफ्तार वाहन खतरा बनते हैं, और इस तरह के हादसे रुकने का नाम नहीं ले रहे।
कार चालक की तलाश जारी है, और हादसे की वजहों का पता लगाया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि क्या जांच से उन चार परिवारों का दर्द कम होगा? क्या सुनील, प्रदुम्न, अरविंद, और राहुल की अधूरी कहानियां कभी पूरी हो पाएंगी? यह हादसा सिर्फ एक खबर नहीं, बल्कि एक चेतावनी है - कि जिंदगी अनमोल है, और सड़क पर एक छोटी सी लापरवाही किसी की पूरी दुनिया उजाड़ सकती है।सिधुआपार की सड़कों पर अब सन्नाटा है। आज सिधुआपार की गलियों में हंसी गायब है। चार दोस्तों की यादें, उनके सपने, और उनकी हंसी अब सिर्फ यादों में बची है। गांव वाले इस दर्द से उबरने की कोशिश में हैं, लेकिन हर आंख में आंसू और हर दिल में सवाल है - "काश, वो सुबह कभी न आई होती!"