

उमेश पाल हत्याकांड के मामले में आरोपी इकबाल अहमद को लगा बड़ा झटका। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
इलाहाबाद हाईकोर्ट (सोर्स-इंटरनेट)
प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से एक बड़ी खबर सामने आई है, जहां चर्चित उमेश पाल हत्याकांड के आरोपी इकबाल अहमद को इलाहाबाद हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। हाईकोर्ट ने इकबाल द्वारा खुद को निर्दोष बताते हुए दायर की गई आपराधिक अपील को खारिज कर दिया है। इस फैसले से उमेश पाल हत्याकांड में जांच एजेंसियों को बड़ी कानूनी ताकत मिली है, वहीं आरोपी इकबाल अहमद के लिए इसे बड़ा झटका माना जा रहा है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, बताया जा रहा है कि इकबाल अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में आपराधिक अपील दायर की थी, जिसमें उसने अपील की थी कि उस पर लगे आरोप गलत हैं और उसे खुद को निर्दोष बताते हुए इस केस से मुक्त किया जाए। इकबाल ने अपनी याचिका में दलील दी थी कि उसका इस हत्याकांड से कोई सीधा संबंध नहीं है और उसे इस केस में गलत तरीके से फंसाया गया है।
क्रिमिनल अपील खारिज
अदालत ने सभी तथ्यों और साक्ष्यों पर विचार करने के बाद इकबाल की अपील खारिज कर दी। अदालत ने माना कि प्रथम दृष्टया इकबाल अहमद के खिलाफ गंभीर आरोप हैं और पुलिस द्वारा पेश चार्जशीट में उसे उमेश पाल की रेकी करने वाला व्यक्ति बताया गया है। रेकी का मतलब है घटना को अंजाम देने से पहले पूरे इलाके का निरीक्षण और निगरानी करना, जो किसी भी साजिश में शामिल व्यक्ति की अहम भूमिका को दर्शाता है।
पुलिस जांच में पता चला है कि उमेश पाल की हत्या की साजिश में इकबाल अहमद की भूमिका संदिग्ध रही है। उस पर आरोप है कि उसने उमेश पाल की गतिविधियों और ठिकानों की जानकारी अन्य आरोपियों को दी, जिससे हत्या की साजिश को अंजाम देना आसान हो गया। इसी आधार पर जांच एजेंसियों ने इकबाल के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने गंभीरता से लिया।
24 फरवरी को हुई थी हत्या
प्रयागराज में 24 फरवरी को राजूपाल हत्याकांड में गवाह उमेश पाल की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई थी। जब उमेश पाल अपने घर जा रहे थे, तभी गली के बाहर कार से उतरते ही शूटरों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। इस दौरान बम भी फेंके गए। इस हमले में उमेश पाल और उनके दो गनमैन मारे गए। यूपी को हिलाकर रख देने वाला उमेश पाल हत्याकांड पुलिस के सामने चुनौती बनकर खड़ा है।