

सिकरीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम सभा पीडरी में सोमवार देर शाम हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोकाकुल कर दिया। दुर्गा पूजा की तैयारियों के बीच मिट्टी लेने गए तीन मासूम बच्चे पानी भरे गड्ढे में डूब गए। इस हादसे में दो बच्चियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है।
मृतक बच्चें (फाइल फोटो)
Gorakhpur: गोरखपुर जनपद के सिकरीगंज थाना क्षेत्र के ग्राम सभा पीडरी में सोमवार देर शाम हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को शोकाकुल कर दिया। दुर्गा पूजा की तैयारियों के बीच मिट्टी लेने गए तीन मासूम बच्चे पानी भरे गड्ढे में डूब गए। इस हादसे में दो बच्चियों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि एक बच्चे की हालत गंभीर बनी हुई है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, आर्यन (8 वर्ष) पुत्र जितेंद्र तिवारी, उसकी बहन दिया (6 वर्ष) और उनकी सहेली अनुष्का (9 वर्ष) पुत्री विजय कुमार गौड़, दुर्गा पूजा के लिए मिट्टी लेने गांव के पीछे गए थे। वहां भट्ठा खोदाई से बना गहरा गड्ढा पानी से लबालब भरा हुआ था। इसी दौरान आर्यन का पैर फिसल गया और वह पानी में जा गिरा। आर्यन को बचाने की कोशिश में उसकी बहन दिया और अनुष्का भी पानी में उतर गईं। देखते ही देखते तीनों बच्चे गहरे पानी में डूब गए।
गांव में मौजूद बच्चों और ग्रामीणों ने शोर मचाया तो सैकड़ों लोग मौके पर पहुंचे। कड़ी मशक्कत के बाद तीनों को बाहर निकाला गया, लेकिन तब तक दिया और अनुष्का की सांसें थम चुकी थीं। आर्यन को जीवन के संघर्ष में देखते हुए तत्काल जिला अस्पताल भेजा गया, जहां उसका इलाज जारी है।
मासूमों के शव घर पहुंचते ही कोहराम मच गया। परिजनों की चीख-पुकार और माताओं की चीत्कार से हर कोई गमगीन हो उठा। गांव की गलियों में, जहां कभी बच्चों की किलकारियां गूंजती थीं, वहां मातम और सन्नाटा पसरा है। एक ही परिवार के दो बच्चों और दूसरे परिवार की बेटी की असमय मौत से पूरा गांव स्तब्ध है।
सूचना पर पहुंची सिकरीगंज थाना पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस और ग्रामीणों की मदद से शवों को बाहर निकाला गया, लेकिन पूरा दृश्य बेहद मार्मिक था।
गांववालों का कहना है कि इस तरह के खुले गड्ढों के कारण अक्सर हादसे होते रहते हैं, लेकिन प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठाता। ग्रामीणों ने मांग की है कि ऐसे खतरनाक गड्ढों को तत्काल भरवाया जाए या उनकी सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की त्रासदी दोबारा न हो।
यह हादसा दुर्गा पूजा की खुशियों को मातम में बदल गया। पीडरी गांव ही नहीं, बल्कि पूरा क्षेत्र शोक और सदमे में डूबा हुआ है।