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निचलौल तहसील के हरपुर पकड़ी गांव में ग्राम प्रधान और सचिव की मिली भगत से खुली लूट हो रही है। यही नहीं शिकायत के बाद भी कोई जिम्मेदार अधिकारी जांच और कार्यवाही के लिए तैयार नहीं है। इसे राजनीतिक रसूख कहे या पैसे का बोलबाला। अब ग्रामीण जांच की मांग तेज कर दिए है। जानिए पूरी खबर
गांव में सरकारी धन की खुली लूट
महराजगंज: जनपद की तहसील निचलौल के ग्रामसभा हरपुर पकड़ी में ग्राम प्रधान पर गंभीर आरोप लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान द्वारा ग्राम सचिव के साथ अपने कार्यकाल में विकास कार्यों के नाम पर करोड़ों रुपए सरकारी धन की बंदरबांट की है। कई जगह तो बिना कार्य कराए ही कार्यों को कागजों पर ही पूर्ण दिखा कर भुगतान ले लिया गया है। जबकि जमीनी स्तर पर आज तक कोई निर्माण नहीं हुआ। इससे नाराज ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मामले की जांच कर कठोर कार्रवाई की मांग की है।
क्या है पूरी खबर
ग्रामीणों के अनुसार, शासन से स्वीकृत अधिकांश योजनाएं सिर्फ कागजों तक सीमित रह गईं। उदाहरण स्वरूप यादव टोले से सोनबरसा सिवान तक सीसी रोड और नाली निर्माण के लिए 8.85 लाख रुपए का भुगतान 7 फरवरी 2025 को हो चुका है, लेकिन आज तक वहां कोई काम शुरू नहीं हुआ। यही नहीं, मेन रोड से पीडब्ल्यूडी रोड तक निर्माण के लिए 6.57 लाख रुपए का भुगतान 18 नवंबर 2024 को किया गया, लेकिन वहां भी नाली निर्माण अधूरा है।
ग्रामीणों का आरोप
इसी तरह गोपाल के घर से महेंद्र के खेत तक 7.75 लाख, शोभी के खेत से रामसवारे के खेत तक 8.91 लाख और अवधेश के खेत से रामसवारे के घर तक 5.44 लाख रुपए का भुगतान किया गया। ग्रामीणों का आरोप है कि इन स्थानों पर या तो काम अधूरा है या घटिया स्तर का सीसी रोड बनाया गया है, जबकि नाली का निर्माण बिल्कुल नहीं हुआ।
19 लाख रुपए की धनराशि का गबन
सबसे बड़ा घोटाला बिजली के घर से रामअवध के घर तक इंटरलॉकिंग और नाली निर्माण में सामने आया है। ग्रामीणों का कहना है कि एक ही काम को अलग-अलग हिस्सों में दिखाकर तीन बार भुगतान करा लिया गया। कुल मिलाकर लगभग 19 लाख रुपए की धनराशि का गबन हुआ, जबकि काम अधूरा पड़ा है।
दोषियों पर सख्त कार्रवाई
इतना ही नहीं, अंबेडकर भवन के निर्माण के लिए दो किश्तों में 3.26 लाख रुपए खर्च दिखाए गए, लेकिन भवन आज भी अधूरा है। वहीं, इंटरलॉकिंग और स्ट्रीट लाइट का काम पहली बरसात में ही ध्वस्त हो गया, जिससे साफ झलकता है कि निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता की गई है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान खुलेआम यह कहता फिर रहा है कि “जिसे जो करना है कर लो, मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।” यह बयान क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी से मांग की है कि पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर सख्त कार्रवाई हो, ताकि सरकारी धन की लूट पर रोक लग सके और क्षेत्र में विकास कार्य पारदर्शिता के साथ हो सकें।
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