

जनपद के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने सोमवार को अपने कार्यालय में दूर-दराज़ से आए फरियादियों की समस्याओं को बारी-बारी से सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी मामले में भेदभाव न करते हुए निष्पक्ष, त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए।
जिलाधिकारी दीपक मीणा
Gorakhpur: जनपद के जिलाधिकारी दीपक मीणा ने सोमवार को अपने कार्यालय में दूर-दराज़ से आए फरियादियों की समस्याओं को बारी-बारी से सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी मामले में भेदभाव न करते हुए निष्पक्ष, त्वरित और गुणवत्तापूर्ण निस्तारण किया जाए।
मंडलायुक्त द्वारा ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए आयोजित बैठक में शामिल होने के बाद जिलाधिकारी सीधे अपने कार्यालय पहुंचे। यहां पहले से मौजूद फरियादी अपनी-अपनी समस्याएं लेकर इंतजार कर रहे थे। डीएम ने प्रत्येक फरियादी को पूरा समय देकर उनकी बातें सुनीं और समस्याओं से जुड़े प्रार्थना पत्र मौके पर ही संबंधित विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों को अग्रसारित कर दिए।
उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी ईमानदारी और संवेदनशीलता के साथ करें। कोई भी फरियादी अपनी समस्या के समाधान के लिए बार-बार कार्यालय के चक्कर न लगाए। यदि प्रार्थना पत्रों का समयबद्ध और गुणवत्ता युक्त निस्तारण किया जाएगा, तो जनसामान्य को राहत मिलेगी और अनावश्यक दौड़-भाग से भी बचा जा सकेगा।
जिलाधिकारी ने चेतावनी देते हुए कहा कि किसी भी प्रार्थना पत्र के निस्तारण में लापरवाही या देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए प्राथमिकता के आधार पर कार्रवाई करें और फरियादी को न्यायसंगत समाधान उपलब्ध कराएं।
उन्होंने यह भी कहा कि शासन की मंशा है कि जनता को उनके अधिकार और सुविधाएं समय पर मिलें। इसके लिए जिला प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। “जनता की समस्याओं का समाधान हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, और इसमें किसी तरह की कोताही स्वीकार्य नहीं होगी,” डीएम ने कहा।
कार्यालय में हुई इस सुनवाई के दौरान कई विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे। मौके पर उपस्थित फरियादियों ने जिलाधिकारी की संवेदनशीलता और त्वरित निर्देशों की सराहना की। लोगों का कहना था कि यदि इसी तरह से समय पर कार्रवाई होती रही तो उन्हें अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इधर-उधर भटकना नहीं पड़ेगा।
इस पहल से प्रशासन और आमजन के बीच विश्वास बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है, साथ ही जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी।