गोरखपुर: दत्तक पुत्र को घर से बेदखल करने का सनसनीखेज मामला, बहू ने खोला ससुराल का काला सच

गोरखपुर : दत्तक पुत्र को घर से बेदखल करने का सनसनीखेज मामला, बहू ने खोला ससुराल का काला सच,पढिए पूरी खबर

गोरखपुर: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के खजनी थाना क्षेत्र से एक चौंकाने वाला पारिवारिक विवाद सामने आया है, जिसने पूरे इलाके में सनसनी मचा दी है। रामपुर मलौली ग्राम सभा में रहने वाले 70 वर्षीय रामसुंदर शर्मा ने अपने दत्तक पुत्र दीपक और उसकी पत्नी सहित पूरे परिवार को घर से बेदखल कर सड़क पर ला दिया। यह मामला केवल संपत्ति विवाद तक सीमित नहीं है, बल्कि इसमें मानवीय रिश्तों, घरेलू उत्पीड़न और नैतिकता पर गहरा सवाल उठता है।

क्या है पूरा मामला

कहानी की शुरुआत तीस वर्ष पहले हुई थी, जब रामसुंदर शर्मा ने अपने एक दिवंगत दामाद के दो वर्षीय बेटे दीपक को दत्तक पुत्र बनाकर अपना लिया था। उन्होंने दीपक का पालन-पोषण बड़े प्यार से किया, पढ़ाई-लिखाई कराई और सिकरीगंज क्षेत्र की एक लड़की से उसकी शादी भी करवाई। परंतु शादी के बाद जैसे ही बहू अपने मायके से ससुराल आयी, विवादों की बौछार शुरू हो गई। अब मामला इस हद तक पहुँच गया कि दत्तक पुत्र और उसकी पत्नी को घर से बाहर निकाल दिया गया।

बेबसी से भरे शब्द समाज के सामने सवाल खड़ा

रामसुंदर शर्मा ने जोरदार आरोप लगाए हैं, "मेरे अपने दत्तक पुत्र दीपक और बहू ने कुछ वर्ष पहले चाकू से मेरी जान लेने का प्रयास किया था। मैंने हमेशा उनके भले की कोशिश की, कोई कानूनी कार्यवाई नही किया ।लेकिन यही बदले में मुझे कलंक मिला। अब मैं पूरी संपत्ति से इन लोगों को बेदखल कर दूंगा।" उनके गुस्से और बेबसी से भरे शब्द समाज के सामने सवाल खड़ा कर रहे हैं कि आखिर एक पिता कैसे अपने दत्तक पुत्र से इस कदर टूट सकता है।

पति विदेश में कर्ज लेकर चले गए...

वहीं, बहू ने अपनी पीड़ा छुपाने की कोशिश नहीं की। नाम न छापने की शर्त पर उसने मीडिया को बताया, "ससुर लगातार शारीरिक संबंध का दबाव बनाते थे। जब मैंने साफ इनकार किया, तो मेरे पति पर भी दबाव डाला गया। अंततः हम दोनों को घर से बेदखल कर दिया गया।" बहू ने अपने पास मौजूद ससुर के आपत्ति जनक रिस्तो को कलंकित करने वाली वीडियो प्रमाण भी पेश किए , जिनमें कथित तौर पर उत्पीड़न के संकेत मिले। वह भावुक होकर कहती हैं, "हमारी दो मासूम संतानें हैं। पति विदेश में कर्ज लेकर चले गए हैं। मायके में जीना मुश्किल हो गया है।"

चार बेटियां भी पिता के खिलाफ खड़ी

इस विवाद ने परिवार को भी दो भागों में बाँट दिया। रामसुंदर की चार बेटियां भी पिता के खिलाफ खड़ी हो गईं और बहू का समर्थन करते हुए कहा, "पिताजी का व्यवहार हमेशा संदिग्ध रहा। बहू के साथ अत्याचार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।" इसने परिवार में गहरी फूट और वैमनस्य की स्थिति उत्पन्न कर दी है।

महिला अधिवक्ता मामले में शामिल

खजनी थाने में दोनों पक्षों के बयान दर्ज कराए गए हैं। लेकिन जैसे ही एक महिला अधिवक्ता मामले में शामिल हुई, रामसुंदर को थाने से बिना किसी कार्रवाई के वापस ले लिया, वीडियो प्रमाणों की जांच और कानूनी प्रक्रिया के तहत संपत्ति विवाद का समाधान किया जाएगा। यह पूरा घटनाक्रम समाज को गंभीर सोचने पर मजबूर कर रहा है। क्या दत्तक संबंध की पवित्रता संपत्ति और स्वार्थ के आगे झुक जाएगी? या फिर दोनों पक्ष न्याय के कटघरे में खुद को साबित करेंगे? फिलहाल यह मामला न्याय की प्रतीक्षा में अटका है, लेकिन इसकी गूंज हर घर में सुनाई दे रही है।

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