

पुराने प्रीपेड रिचार्ज मीटर को जबरन हटाने पर स्थानीय लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। पूरी जानकारी के लिए पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की रिपोर्ट
SDO ऑफिस पर जनता का विरोध प्रदर्शन ( सोर्स - रिपोर्टर )
गोरखपुर: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मानबेला राप्तीनगर विस्तार गोरखपुर में लगे पुराने प्रीपेड रिचार्ज मीटर को जबरन हटाकर नए स्मार्ट मीटर लगाए जाने के विरोध में सोमवार को स्थानीय लोगों ने जोरदार प्रदर्शन किया। लगभग 1500 आवासों में रहने वाले लोगों ने SDO कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा और पुराना रिचार्ज मीटर पुनः लगाए जाने की मांग की।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के मुताबिक, मानबेला के निवासी शुरुआत से ही पुराने रिचार्ज मीटर से संतुष्ट थे। तीन वर्षों से इन मीटरों के माध्यम से बिना किसी समस्या के बिजली आपूर्ति हो रही थी। स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने मीटर लगवाने के लिए ₹8500 जमा किए थे और यह मीटर उनकी जरूरत के अनुसार काफी सुविधाजनक था। लेकिन हाल ही में बिना पूर्व जानकारी और अनुमति के विभाग या किसी संस्था द्वारा अचानक इन मीटरों को हटाकर नए मीटर लगाए गए।
गोरखपुर में प्रीपेड मीटर हटाने पर भड़की जनता, SDO ऑफिस पर किया विरोध प्रदर्शन#gorkhpur #prepaidmeters #protest pic.twitter.com/moWDqDGZ01
— डाइनामाइट न्यूज़ हिंदी (@DNHindi) June 9, 2025
नए स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं को लगातार समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। कहीं मीटर जंप कर रहा है तो कहीं बिल अनावश्यक रूप से अत्यधिक आ रहा है। मीटर लगाने वाले कर्मचारियों ने कागज पर उपभोक्ताओं की शेष राशि को "माइनस" में लिख दिया है, जिससे लोगों को आर्थिक नुकसान भी हो रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत रह रहे अधिकांश लोग छोटे-मोटे व्यवसाय या दिहाड़ी मजदूरी करके जीवन यापन करते हैं। ऐसे में अचानक भारी-भरकम बिजली बिल आना उनके लिए बड़ी परेशानी बन गया है। इस मुद्दे को लेकर क्षेत्र में असंतोष व्याप्त है और जनाक्रोश तेजी से बढ़ रहा है।
प्रदर्शन के दौरान लोगों ने SDO से मांग की कि पहले जैसा रिचार्ज वाला प्रीपेड मीटर पुनः लगाया जाए और एक माह का विशेष शिविर लगाकर जनता की सभी बिजली से जुड़ी समस्याओं का समाधान किया जाए। साथ ही जिन उपभोक्ताओं की राशि माइनस में दर्शाई गई है, उसकी भी शुद्ध जांच कर सही किया जाए।
प्रदर्शनकारियों ने यह भी अपील की कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक यह मामला पहुंचाया जाए ताकि जनहित में उचित कार्रवाई हो सके। लोगों ने कहा कि सरकार का कोई भी निर्णय तभी स्वीकार्य होगा जब वह जनता के हित में हो और उसके साथ पारदर्शिता बरती जाए।
फिलहाल, क्षेत्र में बिजली व्यवस्था को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है और लोगों की मांग है कि पुरानी व्यवस्था को बहाल किया जाए ताकि उनका विश्वास विभाग और सरकार पर बना रहे।
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