

गोरखपुर: गांधी-शास्त्री जयंती पर पुलिस लाइन गोरखपुर में भावपूर्ण श्रद्धांजलि, SSP ने दिलाई आदर्शों पर चलने की शपथ,पढिए पूरी खबर
SSP ने दिलाई आदर्शों पर चलने की शपथ
Gorakhpur: राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के अवसर पर गुरुवार को पुलिस लाइन गोरखपुर में एक भव्य और भावपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) राज करन नय्यर ने क्वार्टर गार्ड पर दोनों महापुरुषों के चित्रों पर माल्यार्पण कर पुष्पांजलि अर्पित की और उनके जीवन मूल्यों को पुलिस कर्मियों के समक्ष प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में पुलिस अधिकारियों और जवानों ने गांधी-शास्त्री के आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।
SSP राज करन नय्यर ने अपने संबोधन में कहा कि गांधीजी का सत्य, अहिंसा और स्वच्छता का संदेश तथा शास्त्रीजी की सादगी, अनुशासन और कर्तव्यनिष्ठा आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा, “हम जैसी अपेक्षा अपने लिए करते हैं, वैसी ही दूसरों के लिए भी करनी चाहिए। यही इन महापुरुषों की शिक्षाओं का मूल है।” SSP ने पुलिस कर्मियों को संवेदनशील और सशक्त पुलिसिंग का संकल्प दोहराने का आह्वान किया, जो गांधी और शास्त्री के विचारों से प्रेरित है।
उन्होंने सभी को विजयदशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन महान नेताओं के आदर्शों को जीवन में उतारकर ही समाज की सच्ची सेवा संभव है। कार्यक्रम के दौरान SSP ने पुलिस कर्मियों को गांधी और शास्त्री के सिद्धांतों - सत्य, अहिंसा, सेवा और ईमानदारी को अपने आचरण में शामिल करने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि इन मूल्यों को अपनाकर ही पुलिसिंग का उद्देश्य पूर्ण होगा। इसके साथ ही SSP ने सफाई कर्मचारियों के योगदान को सराहा और उन्हें उपहार देकर सम्मानित किया। उन्होंने कहा, “स्वच्छता समाज की सबसे बड़ी सेवा है और सफाई कर्मियों का कार्य हमेशा सम्माननीय है।”
कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक (नगर) अभिनव त्यागी, पुलिस अधीक्षक (उत्तरी) जितेंद्र कुमार श्रीवास्तव, सीओ कैंट योगेंद्र सिंह, सीओ गोरखनाथ रवि सिंह, सीओ ओंकार दत्त तिवारी, आरआई हरिशंकर सिंह सहित बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी उपस्थित रहे। सभी अधिकारियों और जवानों ने गांधी-शास्त्री के चित्रों पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
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अंत में, उपस्थित पुलिस कर्मियों ने एक स्वर में गांधी और शास्त्री के दिखाए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। यह कार्यक्रम न केवल इन महापुरुषों के प्रति सम्मान का प्रतीक बना, बल्कि पुलिस बल को उनके आदर्शों के प्रति प्रेरित करने में भी महत्वपूर्ण रहा।