

टोल टैक्स से बचने की जुगत में भारी वाहनों द्वारा ग्रामीण और संकरी सड़कों को शॉर्टकट जनता के लिए रोजमर्रा की परेशानी बन चुका है। पढ़िये डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
जाम से लोगों की बढ़ी परेशानी (सोर्स- रिपोर्टर)
गोरखपुर: टोल टैक्स से बचने की जुगत में भारी वाहनों द्वारा ग्रामीण और संकरी सड़कों को शॉर्टकट के रूप में अपनाना अब गोरखपुर जनपद की जनता के लिए रोजमर्रा की परेशानी बन चुका है। इसमें खजनी, कौड़ीराम, सहजनवा, सिकरिगंज, बांसगांव, पिपरौली, जैतपुर और नगावा जैसे क्षेत्र हर दिन घंटों तक जाम की चपेट में रहते हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ के संवाददाता के अनुसार, इससे नतीजा यह होता है कि एंबुलेंस तक जाम में फंसी रह जाती हैं, मरीज जान जोखिम में डालते हैं और व्यापारियों का कामकाज ठप होता जा रहा है।
वहीं बिहार, बनारस और मिर्जापुर से आने वाले लोडेड ट्रक कौड़ीराम-खजनी मार्ग होते हुए सहजनवा की ओर निकल जाते हैं, जिससे उन्हें दो से तीन टोल प्लाजा की फीस नहीं देनी पड़ती। इसी तरह, लखनऊ से आने वाले भारी वाहन जीरो पॉइंट से यू-टर्न लेकर टोल से बचने के लिए कौड़ीराम के रास्ते निकलते हैं। यह टोल चोरी न केवल सरकारी राजस्व को सीधा नुकसान पहुंचा रही है, बल्कि ग्रामीण इलाकों की संकरी सड़कों पर भारी वाहनों का दबाव बढ़ाकर जाम को विकराल रूप दे रही है।
इसके अलावा, खजनी, उनवल, बांसगांव, जैतपुर और बोकटा की दो लेन सड़कों पर जब बड़ी संख्या में ट्रक और ट्रेलर दौड़ते हैं, तो जैतपुर जैसे महत्वपूर्ण जंक्शन पर हालात और बिगड़ जाते हैं। यहां छोटे वाहनों की भीड़ और भारी ट्रकों की घुसपैठ से घंटों लंबा जाम लग जाता है। जाम की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि कई बार एंबुलेंस तक इन रास्तों में घंटों फंसी रह जाती है। हाल ही में भगवानपुर के पास निर्माणाधीन एक्सप्रेसवे पर एक हादसे में दो युवकों की मौत और तीन श्रद्धालु घायल हो गए। लोगों का कहना है कि ट्रकों की तेज रफ्तार और संकरी सड़कों की असमानता ही ऐसे हादसों का मुख्य कारण है।
स्थानीय लोगों और व्यापारियों का आरोप है कि प्रशासन जान-बूझकर इस समस्या की अनदेखी कर रहा है। न कोई चेकिंग हो रही है, न ही भारी वाहनों के लिए वैकल्पिक मार्ग तय किए जा रहे हैं। जाम और दुर्घटनाएं अब आम बात हो चुकी हैं।
इतना ही नहीं, गोरखनाथ मंदिर में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आयोजित जनता दर्शन में भी यह मुद्दा कई बार उठ चुका है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को तत्काल समाधान के निर्देश दिए हैं, लेकिन ज़मीनी हकीकत में अब तक कोई ठोस पहल नजर नहीं आई है।
व्यापारी नेता रामबृक्ष बर्मा, मदन सिंह और अनिल पांडेय ने कहा, हर दिन के जाम से व्यापार चौपट हो गया है। अगर प्रशासन ने जल्द कोई कदम नहीं उठाया, तो हम आंदोलन करेंगे। वहीं, खजनी निवासी रामजी बर्मा ने कहा, मरीज एंबुलेंस में फंसकर दम तोड़ रहे हैं। यह मानवता के खिलाफ है।