

गोरखपुर जिले के गोला-कौड़ीराम मार्ग पर स्थित डड़वापार चौराहे पर स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए ‘बंगाली दवाखाना’ नामक अवैध डिस्पेंसरी को बंद करा दिया। बिना किसी वैध डिग्री और लाइसेंस के चल रहे इस क्लिनिक पर सीएचसी गोला बाजार के अधीक्षक अमरेन्द्र ठाकुर ने छापेमारी की।
अवैध डिस्पेंसरी पर कार्रवाई
Gorakhpur: स्वास्थ्य विभाग ने फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए गोला-कौड़ीराम मार्ग पर डड़वापार चौराहे के पास संचालित एक अवैध डिस्पेंसरी को बंद कर दिया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) गोला बाजार के अधीक्षक अमरेन्द्र ठाकुर ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया, जिसके बाद क्षेत्र में फर्जी चिकित्सा पद्धति के खिलाफ सख्ती का संदेश गया है।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, लंबे समय से हरि चंद गोस्वामी नामक व्यक्ति बिना किसी मान्यता प्राप्त मेडिकल डिग्री या लाइसेंस के ‘बंगाली दवाखाना’ नाम से डिस्पेंसरी और मेडिकल स्टोर संचालित कर रहा था। स्थानीय लोगों की शिकायत पर मुख्य चिकित्साधिकारी (सीएमओ) गोरखपुर ने इस मामले का संज्ञान लिया।
इसके बाद, शिकायत की गंभीरता को देखते हुए सीएचसी अधीक्षक अमरेन्द्र ठाकुर ने अपनी टीम के साथ मौके पर छापेमारी की। संचालक से क्लिनिक और मेडिकल स्टोर के संचालन से संबंधित कागजात मांगे गए, लेकिन वह एक भी वैध दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर सका।
सीएचसी अधीक्षक ने संचालक को कड़ी चेतावनी देते हुए तत्काल डिस्पेंसरी बंद करने का आदेश दिया। ठाकुर ने स्पष्ट किया कि बिना मान्यता के चिकित्सा कार्य करना गैरकानूनी है और इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर संचालक ने दोबारा अवैध रूप से डिस्पेंसरी खोलने की कोशिश की, तो डिस्पेंसरी को सीज करने के साथ-साथ कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी।
इस कार्रवाई के बाद क्षेत्र में हड़कंप मच गया। स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की इस पहल का स्वागत किया और मांग की कि फर्जी डॉक्टरों के खिलाफ ऐसी कार्रवाइयां नियमित रूप से की जानी चाहिए। लोगों का कहना है कि बिना डिग्री वाले तथाकथित डॉक्टर न केवल मरीजों की जान से खिलवाड़ करते हैं, बल्कि उनकी गाढ़ी कमाई भी लूटते हैं। सीएचसी अधीक्षक ने बताया कि यह कार्रवाई सीएमओ के निर्देश पर की गई थी। उन्होंने कहा, “हमारा उद्देश्य जनता को सुरक्षित और मान्यता प्राप्त चिकित्सा सेवाएं उपलब्ध कराना है। बिना लाइसेंस के क्लिनिक चलाने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।”
स्थानीय निवासियों ने उम्मीद जताई कि ऐसी कार्रवाइयां भविष्य में भी जारी रहेंगी, ताकि फर्जी डॉक्टरों पर नकेल कसी जा सके और आम लोगों का भरोसा स्वास्थ्य सेवाओं पर बना रहे।