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प्रदेश भर में लेखपाल संवर्ग के बीच नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले नौ वर्षों से शैक्षणिक योग्यता, पदनाम परिवर्तन, प्रारम्भिक वेतनमान उच्चीकरण, एसीपी विसंगति, पुरानी पेंशन बहाली एवं पदोन्नति अवसरों सहित विभिन्न मांगें लंबित रहने से कर्मचारी संगठन ने शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं।
लेखपाल संवर्ग की लम्बित मांगों पर गहरी नाराजगी
Gorakhpur: प्रदेश भर में लेखपाल संवर्ग के बीच नाराजगी लगातार बढ़ती जा रही है। पिछले नौ वर्षों से शैक्षणिक योग्यता, पदनाम परिवर्तन, प्रारम्भिक वेतनमान उच्चीकरण, एसीपी विसंगति, पुरानी पेंशन बहाली एवं पदोन्नति अवसरों सहित विभिन्न मांगें लंबित रहने से कर्मचारी संगठन ने शासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए हैं। इस संदर्भ में उप मंत्री राम नारायण, कोषाध्यक्ष प्रदीप कुमार यादव एवं आय-व्यय निरीक्षक सतीश सिंह सहित संगठन के पदाधिकारियों ने शासन को विस्तृत ज्ञापन सौंपकर त्वरित कार्रवाई की मांग की है।
खजनी तहसील स्थित लेखपाल संघ की बैठक में अध्यक्ष गगन जायसवाल एवं मंत्री हर्षित सिंह ने कहा कि प्रदेश के लगभग 3000 लेखपाल अपने गृह जनपद से 500 से 1000 किलोमीटर दूर रहकर सेवा दे रहे हैं, जो न केवल मानसिक व पारिवारिक संकट उत्पन्न करता है, बल्कि कार्य क्षमता पर भी प्रभाव डालता है। उन्होंने बताया कि शासनादेश दिनांक 23 अगस्त 2018 के तहत अंतर्मण्डलीय स्थानांतरण हेतु ऑनलाइन आवेदन स्वीकृत होने के बावजूद आज तक स्थानांतरण सूची जारी नहीं हुई, जबकि अन्य विभागों में यह प्रक्रिया पूर्ण कर दी गई है। साथ ही 02 जुलाई 2025 एवं 03 सितंबर 2025 को दिए गए शासन निर्देशों के बाद भी राजस्व निरीक्षक पद पर 2025–26 की डीपीसी लंबित है, जिसे संगठन गंभीर लापरवाही मानता है।
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संगठन ने 05 अक्टूबर 2025 को मथुरा स्थित रमण रेती आश्रम में हुई प्रांतीय कार्यकारिणी बैठक का हवाला देते हुए बताया कि बढ़ते कार्यभार, तकनीकी संसाधनों की कमी, जनसांख्यिकीय दबाव, विभागीय अधिकारियों द्वारा शासनादेशानुसार मासिक समीक्षा बैठक न किए जाने तथा संगठन पदाधिकारियों के मनमाने स्थानांतरण पर भी कड़ा ऐतराज जताया गया। संगठन ने कहा कि लेखपाल संवर्ग विशिष्ट तकनीकी कार्यों भूमि प्रबंधन, राजस्व अभिलेख, सर्वेक्षण, आपदा प्रबंधन, सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन तथा न्यायालयीय मामलों में प्रतिवेदन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इसके बावजूद उत्तर प्रदेश में लेवल 5 एवं ग्रेड पे 2800 की मांग अब भी अधूरी है, जबकि उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब एवं राजस्थान में लेखपाल/पटवारी को सम्मानजनक वेतनमान प्राप्त है।
संगठन ने शासन से प्रारंभिक वेतनमान उच्चीकरण, तकनीकी संवर्ग घोषित करने, राजस्व निरीक्षक एवं नायब तहसीलदार के अतिरिक्त पद सृजन, स्टेशनरी एवं वाहन भत्ता वृद्धि, ₹2500 विशेष वेतन भत्ता, स्थानांतरण सूची जारी करने एवं लंबित डीपीसी पूर्ण करने की मांग की है। साथ ही चेतावनी दी है कि समाधान न मिलने की स्थिति में लेखपाल संवर्ग विस्तृत आंदोलनात्मक कार्यक्रम हेतु बाध्य होगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।