साइबर ठगी पर पुलिस का शिकंजा, पीड़ित को वापस मिली रकम; समय रहते ऐसे हो सकती है कार्रवाई

गीडा थाना क्षेत्र में साइबर अपराध के शिकार व्यक्ति को पुलिस और साइबर सेल की तत्परता से बड़ी राहत मिली है। फ्रॉडस्टरों द्वारा ठगे गए 80,000 रुपये पुलिस ने समय रहते बैंक खाते फ्रीज करवा कर वापस करा दिए। महिला उपनिरीक्षक दीपा यादव और उपनिरीक्षक के नेतृत्व में की गई।

Gorakhpur: डिजिटल युग में बढ़ते साइबर अपराधों के बीच गोरखपुर पुलिस लगातार पीड़ितों की मदद में सक्रिय भूमिका निभा रही है। इसी क्रम में थाना गीडा पुलिस और साइबर सेल की तत्परता से एक पीड़ित को 80,000 रुपये की बड़ी आर्थिक राहत मिली है।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, शिकायतकर्ता के साथ ऑनलाइन ठगी की वारदात 25 अगस्त 2025 को घटी थी, जिसमें फ्रॉडस्टरों ने उसके IDFC बैंक खाते से कुल 80 हजार रुपये निकाल लिए थे। शिकायत पर त्वरित कार्रवाई करते हुए पुलिस ने न केवल खाते को ट्रैक किया, बल्कि ठगी की गई राशि को फ्रॉडस्टर के खाते में होल्ड करवाकर वापस कराने में सफलता पाई।

थाना गीडा में कार्रवाई शुरू

शिकायत दर्ज एनसीआरपी कंप्लेन नंबर 33108250103081 के आधार पर थाना गीडा में कार्रवाई शुरू की गई। इस पूरी कार्यवाही का नेतृत्व महिला उपनिरीक्षक दीपा यादव और उपनिरीक्षक अभिनव श्रीवास्तव ने किया। साथ ही साइबर टीम और कंप्यूटर ऑपरेटर की तकनीकी मदद इस सफलता में अहम रही। टीम ने साइबर सेल की सहायता से धनराशि के प्रवाह का विश्लेषण किया, बैंक स्तर पर समन्वय स्थापित किया और समय रहते खाते को फ्रीज कर दिया, जिसके चलते पूरी राशि सुरक्षित रह सकी।

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पुलिस की मदद से अपराध में होगी रोकथाम

थाना गीडा की टीम ने न केवल तकनीकी दक्षता का परिचय दिया, बल्कि यह भी साबित किया कि अगर पीड़ित समय पर पुलिस की मदद ले, तो साइबर अपराधों में नुकसान को काफी हद तक रोका जा सकता है। यह कार्रवाई आम जनता के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश है कि धोखाधड़ी की स्थिति में घबराएं नहीं और तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 या नजदीकी थाना में संपर्क करें।

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गोपनीय जानकारी किसे से शेयर न करें

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गोरखपुर राज करन नय्यर द्वारा जिले में साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए लगातार चलाये जा रहे अभियान के क्रम में यह सफलता महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पुलिस प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि अपने बैंक खाते, ओटीपी, एटीएम पिन, यूजर आईडी और पासवर्ड जैसी गोपनीय जानकारियां किसी भी अपरिचित व्यक्ति के साथ साझा न करें। साथ ही इंटरनेट पर संदिग्ध लिंक, अज्ञात कॉल और फर्जी कस्टमर केयर नंबरों से सावधान रहें।

थाना गीडा पुलिस द्वारा की गई यह पहल न केवल पीड़ित परिवार के लिए राहत देने वाली रही, बल्कि साइबर अपराधों के खिलाफ चल रही लड़ाई में एक अहम मिसाल भी बनी है। यह सफलता बताती है कि जागरूकता और पुलिस की सक्रियता से साइबर ठगी को प्रभावी रूप से रोका जा सकता है।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 7 November 2025, 1:33 PM IST