

गोरखपुर के डढ़िया गांव में एक सनसनीखेज मारपीट की घटना ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। घटना के पूरे सात दिन बाद एफआईआर दर्ज होने से पीड़ित परिवार में गहरा आक्रोश व्याप्त है। पीड़ित परिवार ने कई बार थाने का चक्कर लगाया और जब कहीं जाकर सात दिन बाद पुलिस हरकत में आई
थाना गोला
Gorakhpur: गोरखपुर गोला थाना क्षेत्र के डढ़िया गांव में बीते 22 जुलाई को हुई मारपीट की गंभीर घटना के बावजूद पुलिस द्वारा एक सप्ताह बाद एफआईआर दर्ज किए जाने से पीड़ित परिवार में गहरा आक्रोश है। इस घटना ने न सिर्फ ग्रामीणों को झकझोर दिया, बल्कि स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं।
डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, डढ़िया गांव निवासी राजेश उर्फ रज्जन ने गोला थाना में लिखित तहरीर देकर बताया कि 22 जुलाई की शाम करीब चार बजे उनके बेटे आयुष पर गांव के ही सुद्धांशु, दिव्यांश और सुभाष ने जानलेवा हमला कर दिया। पीड़ित के अनुसार तीनों आरोपी लाठी-डंडा, लात-घूंसे से लैस होकर आयुष को बेरहमी से पीटने लगे और उसे गाली-गलौज करते हुए गंभीर रूप से घायल कर दिया। मारपीट के दौरान आयुष के सिर में गहरी चोट आई और वह लहूलुहान होकर मौके पर ही गिर पड़ा।
पीड़ित पिता ने लगाया आरोप
वहीं घटना के बाद भी आरोपी नहीं रुके। पीड़ित पिता का आरोप है कि तीनों हमलावर लाठी-डंडा लेकर उसके दरवाजे तक पहुंच गए और खुलेआम जान से मारने की धमकी देते रहे। इस पूरी घटना से राजेश और उसके परिवार में दहशत का माहौल है।
पीड़ित परिवार ने लगाई न्याय की गुहार
घटना की सूचना तत्काल गोला थाने को दी गई थी, लेकिन पुलिस ने गंभीर चोट और जान से मारने की धमकी के बावजूद तत्काल एफआईआर दर्ज नहीं की। पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार लगाते हुए कई बार थाने का चक्कर लगाया, तब जाकर घटना के सात दिन बाद पुलिस हरकत में आई।
गोला पुलिस ने मामले की जांच कर साक्ष्यों के आधार पर सुद्धांशु, दिव्यांश और सुभाष के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 115(2), 352, 351(3) व 131 के तहत मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई प्रारंभ कर दी है।
स्थानीय ग्रामीणों ने घटना की निंदा करते हुए पुलिस प्रशासन से मांग की है कि आरोपियों की शीघ्र गिरफ्तारी की जाए और पीड़ित परिवार को सुरक्षा प्रदान की जाए। वहीं, देर से कार्रवाई को लेकर गोला पुलिस की भूमिका पर कई सवाल उठ रहे हैं, जिससे क्षेत्र में पुलिस के प्रति लोगों का भरोसा कमजोर होता नजर आ रहा है।