गोरखपुर: मथुरा की टीम ने गोलाबाजार में पकड़ा खूंखार बंदर, 200 बच्चों पर किया हमला

नगर पंचायत गोला क्षेत्र में चार महीने से आतंक मचाने वाला एक खूंखार बंदर आखिरकार मथुरा की टीम की मदद से पकड़ा गया। 200 बच्चों पर हमला किया। अकेले खेलने वाले मासूम बच्चों के कंधे पर चुपके से कूदकर उन्हें काट देता था, पढिए पूरी खबर

गोरखपुर:  नगर पंचायत गोला क्षेत्र में चार महीने से आतंक मचाने वाला एक खूंखार बंदर आखिरकार मथुरा की टीम की मदद से पकड़ा गया। यह बंदर नगर पंचायत गोला के वार्ड नंबर 03, 08, 11, 12, 14, 17 तथा बेवरी, मन्नीपुर, रामामऊ, बांहपुर, भीटी आदि गांवों में पिछले चार महीनों से सक्रिय था। खास बात यह थी कि यह बंदर विशेष रूप से छोटे बच्चों को अपना निशाना बनाता था। अकेले खेलने वाले मासूम बच्चों के कंधे पर चुपके से कूदकर उन्हें काट देता था, जिससे बच्चे लहूलुहान हो जाते थे और परिजन में भय का माहौल व्याप्त हो गया था।

क्या है पूरा मामला?

जानकारी के मुताबिक,  स्थानीय लोगों ने लगातार नगर पंचायत गोला प्रशासन, तहसील प्रशासन और वन विभाग को इस समस्या से अवगत कराया, लेकिन चार महीनों तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। बढ़ती शिकायतों और अखबारों में उठाई गई खबरों के प्रभाव से आखिरकार प्रशासन ने गंभीरता दिखाते हुए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया। सोमवार को नगर पंचायत गोला के निर्देश पर मथुरा से शकील, मुबारक, महेन्द्र सहित नपं की टीम ने मन्नीपुर कन्या विद्यालय के पास अभियान चलाकर इस खूंखार बंदर को पकड़ने में सफलता प्राप्त की।

लगभग 200 बच्चों पर हमला

पकड़े गए बंदर को पिंजरे में कैद कर लिया गया, जिससे स्थानीय लोगों ने राहत की सांस ली। बताया जा रहा है कि यह बंदर अब तक लगभग 200 बच्चों पर हमला कर चुका था। खासकर वार्ड व ग्रामीण क्षेत्र के छोटे बच्चे इसके हमले की चपेट में अधिक आए थे। लोगों का कहना था कि बंदर के आतंक के कारण छोटे बच्चों का खेलना-कूदना बंद हो गया था, कई बच्चे स्कूल भी नहीं जा पा रहे थे। भय के कारण परिजन घर में ही कैद होकर रहने लगे थे।

वन विभाग की टीम ने भी आवश्यक जांच प्रक्रिया शुरू

नगर पंचायत गोला प्रशासन ने बताया कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए यह कदम उठाया गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जा सकें। वहीं वन विभाग की टीम ने भी आवश्यक जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है ताकि बंदर के स्वास्थ्य परीक्षण और उसके भविष्य के लिए उचित प्रबंधन सुनिश्चित किया जा सके।

स्थानीय लोगों ने इस कार्रवाई को सराहा और प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया। उनका कहना था कि अब उन्हें बच्चों की सुरक्षा को लेकर आशंका नहीं है और समाज में शांति लौट आई है। इस कार्रवाई से बच्चों के साथ-साथ समस्त नगरवासियों का मनोबल बढ़ा है।

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