

गोरखपुर के गोलाबाजार की मिट्टी ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। गोला थाना क्षेत्र के बड़ैला गांव की अंशिका पांडेय ने नीट (NEET) 2025 में शानदार सफलता हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है,पढिए पूरी खबर
NEET में लहराया परचम
Gorakhpur News: गोरखपुर के गोलाबाजार की मिट्टी ने एक बार फिर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। गोला थाना क्षेत्र के बड़ैला गांव की अंशिका पांडेय ने नीट (NEET) 2025 में शानदार सफलता हासिल कर न केवल अपने परिवार, बल्कि पूरे क्षेत्र का नाम रोशन किया है। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें सैफई (इटावा) के प्रतिष्ठित राजकीय मेडिकल कॉलेज में सीट दिलाई है, जहां वह अब डॉक्टर बनने की दिशा में अपने कदम बढ़ाएंगी।
पिता की प्रेरणा, बेटी की उड़ान
अंशिका, इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस (ITBP) में तैनात सुनील कुमार पांडेय और स्व. भोला पांडेय की पोती हैं। पिता की कर्तव्यनिष्ठा और अनुशासन से प्रेरित अंशिका ने दिन-रात मेहनत कर यह मुकाम हासिल किया। उनके घर में खुशी की लहर है, और गांव में जश्न का माहौल है। पड़ोसी और रिश्तेदार बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है।
क्षेत्र के गणमान्य लोगों ने दी बधाई
अंशिका की इस उपलब्धि पर पूर्व विधायक विनय शंकर तिवारी, जिला पंचायत सदस्य मायाशंकर शुक्ला सहित प्रदीप पांडेय, प्रभाकर पांडेय, पप्पू पांडेय, अशोक पांडेय, पवहारी शरण पांडेय, राजकुमार पांडेय, हेमंत कुमार पांडेय, कृष्ण कुमार पांडेय, सोनू तिवारी और अनिल कुमार पांडेय ने उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
क्षेत्रवासियों का कहना है कि अंशिका ने साबित कर दिया कि अगर मन में जुनून और मेहनत का जज्बा हो, तो कोई भी मंजिल असंभव नहीं।
प्रेरणा बनीं अंशिका
गोलाबाजार और बड़ैला गांव के लिए अंशिका की यह सफलता किसी उत्सव से कम नहीं। स्थानीय लोगों का मानना है कि उनकी उपलब्धि न सिर्फ गोला क्षेत्र, बल्कि पूरे गोरखपुर के युवाओं के लिए प्रेरणा का काम करेगी।
अंशिका का क्या कहना...
अंशिका ने अपनी सफलता का श्रेय अपने परिवार, शिक्षकों और अपनी मेहनत को दिया। उन्होंने कहा, "यह सफर आसान नहीं था, लेकिन मेरे परिवार का साथ और मेरी लगन ने मुझे यह मुकाम दिलाया। मैं चाहती हूं कि मेरी कहानी अन्य छात्रों को प्रेरित करे।"
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क्षेत्र में गर्व का माहौल
अंशिका की इस उपलब्धि ने पूरे गोला क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। उनकी कहानी अब उन तमाम युवाओं के लिए एक मिसाल बन गई है, जो कठिन परिस्थितियों में भी बड़े सपने देखते हैं। अंशिका की यह उड़ान निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी कि मेहनत और विश्वास के बल पर हर सपना हकीकत बन सकता है।