गोरखपुर मंडल दुग्ध विभाग चेयरमैन चुनाव रद्द, मतदाताओं में नाराजगी, फैसले पर उठे सवाल

गोरखपुर मंडल दुग्ध विभाग के चेयरमैन चुनाव को अचानक रद्द कर दिया गया, जिससे मतदाताओं में गहरा आक्रोश फैल गया है। सात मतदाताओं में से अधिकांश कौशल्या देवी के पक्ष में थे, लेकिन दोपहर 3 बजे अचानक चुनाव रद्द होने से विवाद उत्पन्न हो गया।

Post Published By: Nidhi Kushwaha
Updated : 22 August 2025, 4:14 PM IST
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Gorakhpur: गोरखपुर मंडल के दुग्ध विभाग के चेयरमैन पद के लिए शुक्रवार को आयोजित किया गया चुनाव विवाद में बदल गया। सुबह 8:30 बजे पराग डेयरी प्रांगण में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच मतदान शुरू हुआ, जिसमें कुल सात मतदाता शामिल थे। सुबह से ही प्रत्याशी कौशल्या देवी (पत्नी दिलीप यादव) और रणजीत सिंह (पुत्र शिवजी) अपने समर्थकों के साथ मतदान स्थल पर मौजूद थे। पूरे दिन मतदान शांतिपूर्ण और पारदर्शी माहौल में चल रहा था।

डाइनामाइट न्यूज़ संवाददाता के अनुसार, चुनाव में प्रमुख मुकाबला कौशल्या देवी और रणजीत सिंह के बीच था। मतदाताओं का उत्साह इस कदर था कि कड़ी सुरक्षा के बावजूद माहौल पूरी तरह से शांतिपूर्ण बना रहा। प्रशासन ने मतदान के दौरान किसी भी असामाजिक घटना को रोकने के लिए पुख्ता इंतजाम किए थे। लेकिन जैसे-जैसे दोपहर 3 बजे का समय करीब आया, चुनाव को लेकर सभी का ध्यान एक ही बात पर था कि परिणाम क्या होगा।

चुनाव रद्द होने से गहरा आक्रोश

हालांकि अचानक दोपहर 3 बजे चुनाव अधिकारी ने मतदान रद्द करने का नोटिस टांग दिया, जिससे पूरे चुनाव स्थल का माहौल तनावपूर्ण हो गया। सात मतदाताओं में से पांच कौशल्या देवी के समर्थन में थे और माना जा रहा था कि वे जीत रही हैं। अचानक चुनाव रद्द किए जाने के फैसले ने मतदाताओं और प्रत्याशियों में गहरा आक्रोश और असंतोष पैदा कर दिया।

चुनाव रद्द होने की सूचना मिलते ही मतदाता जिला अधिकारी कार्यालय पहुंच गए और इस फैसले के खिलाफ जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। मतदाताओं और उम्मीदवारों का आरोप है कि चुनाव में अनियमितता और बाहरी दबाव के कारण यह निर्णय लिया गया। उनके अनुसार जब चुनाव पूरी तरह से शांतिपूर्ण और निष्पक्ष था, तब इस तरह का कदम उठाना लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय है।

प्रशासनिक स्तर पर उठे सवाल

वहीं, इस चुनाव रद्द होने के फैसले पर प्रशासनिक स्तर पर भी सवाल उठ रहे हैं। कई लोगों ने इसे लोकतांत्रिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ बताया है। फिलहाल जिला प्रशासन की ओर से इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन स्थानीय स्तर पर चर्चा और असंतोष जारी है।

गोरखपुर मंडल का यह दुग्ध विभाग चुनाव खास महत्व रखता था क्योंकि यह सीधे तौर पर किसानों और दुग्ध उत्पादकों के हितों से जुड़ा था। चुनाव रद्द होने के बाद न सिर्फ प्रत्याशियों बल्कि मतदाताओं में भी निराशा और असंतोष बढ़ गया है। वे चाहते हैं कि जल्द से जल्द इस मामले का समाधान निकाला जाए ताकि दुग्ध विभाग की प्रगति बाधित न हो।

Location : 
  • Gorakhpur

Published : 
  • 22 August 2025, 4:14 PM IST