जनपद गोरखपुर पुलिस को “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत एक बड़ी और अहम सफलता हाथ लगी है। वर्ष 2017 में थाना पीपीगंज क्षेत्र में दर्ज बहुचर्चित हत्या के मामले में मा0 न्यायालय ADJ-02, गोरखपुर ने तीन अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

ऑपरेशन कनविक्शन की बड़ी सफलता
Gorakhpur: जनपद गोरखपुर पुलिस को “ऑपरेशन कनविक्शन” अभियान के तहत एक बड़ी और अहम सफलता हाथ लगी है। वर्ष 2017 में थाना पीपीगंज क्षेत्र में दर्ज बहुचर्चित हत्या के मामले में मा0 न्यायालय ADJ-02, गोरखपुर ने तीन अभियुक्तों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही न्यायालय ने प्रत्येक दोषी पर 20-20 हजार रुपये
का अर्थदंड भी लगाया है।
यह है पूरा मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार थाना पीपीगंज पर वर्ष 2017 में मु0अ0सं0 298/2017 के तहत धारा 302 भादवि में हत्या का अभियोग पंजीकृत किया गया था। इस जघन्य अपराध में कानापार, थाना पीपीगंज निवासी अभियुक्त मनीष कुमार गौड़ पुत्र राजेश गौड़, राजेश गौड़ पुत्र फौजदार गौड़ तथा चंद्रलेखा देवी पत्नी राजेश गौड़ को नामजद किया गया था। लंबे समय से न्यायालय में विचाराधीन इस मामले में साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर अभियोजन पक्ष ने सशक्त पैरवी की।
पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के निर्देशन में चलाए जा रहे ऑपरेशन कनविक्शन अभियान के क्रम में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर के मार्गदर्शन में थाना स्तर पर पैरोकारों तथा मॉनिटरिंग सेल द्वारा लगातार प्रभावी निगरानी और ठोस पैरवी की गई। इसी का परिणाम रहा कि न्यायालय ने तीनों अभियुक्तों को हत्या के अपराध में दोषी मानते हुए कठोर दंड सुनाया।
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मा0 न्यायालय ADJ-02, गोरखपुर ने अपने निर्णय में कहा कि अभियोजन पक्ष द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य, गवाहों के बयान एवं परिस्थितिजन्य प्रमाण अभियुक्तों के अपराध को सिद्ध करने के लिए पर्याप्त हैं। न्यायालय ने इसे समाज के लिए गंभीर अपराध मानते हुए दोषियों को आजीवन कारावास से दंडित किया।
इस महत्वपूर्ण दोषसिद्धि में शासकीय अधिवक्ता ADGC श्री रामप्रकाश सिंह का योगदान उल्लेखनीय रहा, जिन्होंने पूरे मामले में मजबूती से पक्ष रखा और न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
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जनपद पुलिस के अधिकारियों ने इस निर्णय को कानून व्यवस्था के लिए मील का पत्थर बताते हुए कहा कि ऑपरेशन कनविक्शन के माध्यम से पुराने व गंभीर मामलों में दोषियों को सजा दिलाने का अभियान आगे भी जारी रहेगा। यह फैसला न केवल पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने वाला है, बल्कि समाज में अपराध करने वालों के लिए कड़ा संदेश भी है कि कानून से बचना संभव नहीं है।