

गोरखपुर जिले के गोलाबाजार विकास खंड के गजेगढ़हा गांव में रविवार को एक अहम निरीक्षण कार्यक्रम हुआ। पढ़िए डाइनामाइट न्यूज़ की पूरी रिपोर्ट
गोलाबाजार ब्लॉक के गजेगढ़हा गांव में चमत्कार
गोरखपुर: गोरखपुर जिले के गोलाबाजार विकास खंड के गजेगढ़हा गांव में रविवार को एक अहम निरीक्षण कार्यक्रम हुआ। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण (पंचायतीराज विभाग, लखनऊ) के स्टेट कन्सलटेंट ओमप्रकाश मणि त्रिपाठी ने यहां सह-बायोगैस प्लांट का गहन निरीक्षण किया। यह प्लांट स्वच्छता को ऊर्जा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था से जोड़ने की एक अनूठी पहल के तहत स्थापित किया गया है। यह दौरा सिर्फ एक निरीक्षण नहीं, बल्कि गांव के विकास की गहराई से पड़ताल का अवसर बना।
यह निरीक्षण गोरखपुर जनपद के गोलाबाजार ब्लॉक के गजेगढ़हा गांव में हुआ। इसी गांव में स्थापित है सह-बायोगैस प्लांट, जो ग्रामीण स्तर पर ऊर्जा और जैविक खाद के उत्पादन का केन्द्र बन चुका है।
निरीक्षण रविवार को दोपहर में हुआ, जब स्टेट कन्सलटेंट अपने दल के साथ प्लांट पर पहुंचे और तकनीकी कार्यप्रणाली की विस्तार से समीक्षा की।
निरीक्षण के दौरान प्रमुख रूप से स्टेट कन्सलटेंट ओमप्रकाश मणि त्रिपाठी, जिला कन्सलटेंट अभिजीत सिंह, ब्लॉक कन्सलटेंट नवनीत श्रीवास्तव, सहायक विकास अधिकारी पंचायत संजय कुमार, ग्राम पंचायत सचिव अमित कुमार, और कई अन्य तकनीकी व पंचायत अधिकारी उपस्थित रहे।
यह निरीक्षण स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत प्लांट की कार्यप्रणाली, उत्पादन क्षमता और उपयोगिता का मूल्यांकन करने के लिए किया गया। उद्देश्य था यह देखना कि किस तरह यह प्लांट न केवल स्वच्छता को बढ़ावा दे रहा है, बल्कि ऊर्जा आत्मनिर्भरता और ग्रामीण आजीविका को भी नई दिशा दे रहा है।
कैसे हुआ मूल्यांकन?
श्री त्रिपाठी ने प्लांट की तकनीकी व्यवस्था, रख-रखाव, गैस उत्पादन और जैविक खाद की गुणवत्ता का निरीक्षण किया। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि गैस का स्थानीय उपयोग सुनिश्चित किया जाए और जैविक खाद के विक्रय के लिए मूल्य निर्धारण और विपणन योजना तैयार की जाए।
निरीक्षण के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि यह प्लांट गांव के लिए मॉडल यूनिट बन सकता है। अधिकारियों ने इसे मॉडल के रूप में विकसित करने पर सहमति जताई। श्री त्रिपाठी ने समयबद्ध कार्य, नियमित मॉनिटरिंग, और तकनीकी समस्याओं के तत्काल समाधान के निर्देश दिए। गजेगढ़हा गांव का यह सह-बायोगैस प्लांट ग्रामीण विकास का सशक्त उदाहरण बन सकता है। स्वच्छता, ऊर्जा और आय के त्रिकोण पर काम करता यह मॉडल देश के अन्य हिस्सों के लिए भी प्रेरणा बन सकता है। यदि सरकार और स्थानीय निकाय मिलकर इसे सही दिशा में ले जाएं, तो यह गांव भविष्य में ऊर्जा और जैविक कृषि का केंद्र बन सकता है।